पटना। बिहार की सियासत में चुनावी नतीजों के बाद शुरू हुआ घमासान अब लालू प्रसाद यादव के घर तक पहुंच गया है। आरजेडी प्रमुख की बेटी रोहिणी आचार्य के परिवार और पार्टी से नाता तोड़ने के ऐलान ने पूरे राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है।

बीजेपी ने जताई चिंता

रोहिणी की नाराजगी के बीच बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इसे पूरी तरह लालू परिवार का निजी मामला बताते हुए कहा कि परिवारों का बिखरना अच्छा संकेत नहीं है। अगर किसी एक व्यक्ति की वजह से परिवार में दरार पड़ रही है, तो यह ठीक नहीं है। लालू जी और राबड़ी देवी जी को परिवार को साथ रखने की कोशिश करनी चाहिए। जायसवाल ने इस पर ज्यादा टिप्पणी करने से इंकार करते हुए मामला परिवार पर छोड़ दिया।

लालू परिवार में उभरा तूफान

14 नवंबर को घोषित हुए बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में महागठबंधन को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। आरजेडी महज 25 सीटों तक सिमट गई। नतीजों के अगले ही दिन लालू परिवार में तनाव खुलकर सामने आ गया।

क्यों लिखा नाता तोड़ रही हूं?

सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर रोहिणी ने लिखा मैं राजनीति छोड़ रही हूं। परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे ऐसा करने को कहा था। मैं सारी गलती अपने ऊपर ले रही हूं। उनकी यह पोस्ट पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई है।

लालू राजनीति के धृतराष्ट्र बन गए हैं

जेडीयू नेता नीरज कुमार ने लालू यादव पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि क्या वे धृतराष्ट्र की तरह सब देखकर भी चुप हैं? उन्होंने सवाल उठाया कि जिस बेटी ने लालू यादव की जिंदगी बचाई, उसकी तकलीफ पर परिवार की चुप्पी क्यों?

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