रायपुर। खरीफ फसल को खुले पशुओं की चराई से बचने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को रोका-छेका अभियान का वर्चुअल शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि गांवों में बैठक कर रोका-छेका अभियान के लिए चरवाहों को पशुओं को एक जगह रोकने और उन्हें गौठान मे एकत्र करने की जिम्मेदारी दी जाए. सभी गांवों में एक साथ रोका-छेका किया जाए, जिससे फसलों को नुकसान नहीं हो.
मुख्यमंत्री बघेल ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में कहा है कि छत्तीसगढ़ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वावलंबी गांवों के सपनों को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. नरवा, गरवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के तहत गौठानों में संचालित विभिन्न आर्थिक गतिविधियों से महिलाएं और ग्रामवासियों को रोजगार के साथ आमदनी का जरिया मिला है, और वे स्वावलंबन की ओर बढ़ रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों के प्रबंधन के लिए राज्य सरकार वित्तीय संसाधन उपलब्ध करा रही है. इस दौरान उन्होंने गौठानों को 24 करोड़ 41 लाख 50 हजार रुपए की सहायता देने की घोषणा की. इस राशि में से प्रदेश के 5820 सक्रिय गौठानों के संधारण के लिए 40 हजार रुपए प्रति गौठान के मान से कुल 23 करोड़ 28 लाख रुपए की सहायता देने के साथ प्रदेश के 1135 स्वावलंबी गौठानों को 10 हजार रुपए प्रति गौठान के मान से एक करोड़ 13 लाख 50 हजार रुपए की राशि देने की घोषणा की.
प्रदेश के स्वावलंबी गौठान वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट के उत्पादन तथा अन्य आर्थिक गतिविधियों से होने वाली आय से स्वयं गोबर खरीदकर वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के स्वावलंबी गौठानों की समिति और ग्रामवासियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी. मुख्यमंत्री ने महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों से चर्चा कर उनके कार्यो की सराहना करते हुए उत्साहवर्धन किया.
इस अवसर पर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्रकुमार, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ एम. गीता, कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. भारतीदासन और कृषि विभाग के संचालक यशवंत कुमार उपस्थित थे.