नालंदा। जिले के इमामगंज गांव में एक दुखद हादसा हुआ, जिसमें एक 60 साल पुराना मकान ढह गया और इसके मलबे में दबकर एक दादी और उसके पोते की मौत हो गई, जबकि एक और बच्चा गंभीर रूप से जख्मी हो गया। यह दिल दहला देने वाली घटना मंगलवार की रात हुई। इस हादसे में मलबे में दबे तीन परिवार के सदस्य आपस में बुरी तरह से जख्मी हुए थे। हादसा देर रात हुआ जब परिवार के सदस्य अपने घर में सो रहे थे। मृतक 14 वर्षीय आशीष कुमार, दादी 80 वर्षीय फुलिया देवी और उसका छोटा भाई निरंजन कुमार (12) एक ही कमरे में सो रहे थे। अचानक घर का जर्जर छत भर-भराकर गिर पड़ी और तीनों उस मलबे में दब गए। तेज आवाज सुनकर परिवार की अन्य सदस्य शोभा देवी की नींद खुली, जिन्होंने यह भयावह दृश्य देखा। जल्द ही आस-पास के लोगों ने मदद के लिए आकर मलबे में दबे परिवार के सदस्यों को बाहर निकाला।

दो लोगों की हुई मौत

तीनों को तुरंत इलाज के लिए बिहार शरीफ के मॉडल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उन्हें बेहतर इलाज के लिए पावापुरी मेडिकल कॉलेज भेजा गया। हालांकि, इलाज के दौरान आशीष और उसकी दादी फुलिया देवी की मौत हो गई। निरंजन कुमार गंभीर रूप से जख्मी है, जिसे अभी अस्पताल में भर्ती किया गया है और उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

पिता को दी गई बेटे की मौत की सूचना

मृतक आशीष के पिता धर्मवीर कुमार फिलहाल केरल में मजदूरी कर अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। इस हादसे की खबर पाकर वह तुरंत अपने गांव लौट रहे हैं। परिवार के अन्य सदस्य गहरे शोक में हैं और अब सरकार से मुआवजे और रोजगार की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस दुखद हादसे के बाद सरकार को आगे आकर उचित मुआवजा देना चाहिए, ताकि परिवार की स्थिति में सुधार हो सके।

शव का आज होगा पीएम

इस हादसे में न केवल एक परिवार की खुशियां उजड़ गईं बल्कि यह घटनाक्रम यह भी दर्शाता है कि पुराने और जर्जर मकानों में रहने वाले गरीब परिवारों के लिए कितनी बड़ी खतरा बन सकती है। स्थानीय प्रशासन ने हादसे के बाद मकान की स्थिति का जायजा लिया और माना कि यह घटना मकान की पुरानी छत के कारण हुई। रहुई थाना अध्यक्ष कुणाल कुमार ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है और शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

लापरवाही से चली गई जान

घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि पुराने और जर्जर मकानों में रहने वाले परिवारों के लिए क्या प्रशासन की ओर से कोई सुरक्षा इंतजाम हैं, या ऐसे हादसों के होने तक इंतजार किया जाएगा। फिलहाल, इस हादसे ने पूरे गांव को गहरे शोक में डाल दिया है, और पीड़ित परिवार को सरकार से मदद का इंतजार है।

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