सुदीप उपाध्याय, वाड्रफनगर। खराब चावल की चल रही प्रदेश स्तरीय जांच के बीच विकासखंड के शासकीय उचित मूल्य दुकानों में फिर से खराब चावल पहुंचने लगा है. ग्राम पंचायत ओदारी, बुढाडाङ, बड़कागांव के पीडीएस केंद्रों में खराब चावल बांटा जा रहा है, जिसे खीने से बीमार हो जाने की आशंका पर हितग्राहियों ने लेने तक से इंकार कर दिया है.
बता दें कि बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के वेयरहाउस में 16,000 बोरी चावल खराब होने के संबंध में स्वराज एक्सप्रेस में प्रमुखता से खबर चलाया था, जिस पर प्रदेश स्तरीय जांच की जा रही है. मंगलवार को पुनः वाड्रफनगर विकासखंड अंतर्गत विभिन्न शासकीय उचित मूल्य दुकानों में वही खराब सड़ा हुआ चावल हितग्राहियों को दिया जा रहा है. चावल इस कदर खराब है कि अगर हितग्राही उसे खाएं तो बीमार भी पड़ सकते हैं. मामला तब प्रकाश में आया जब हितग्राही खराब चावल को लेने से इनकार कर दिया.
खराब चावल को खपा कर जांच का दिखावा
आशंका इस बात की जताई जा रही है कि जिस खराब चावल को लेकर विभाग जांच कर रहा है, उसी चावल को लोगों तक पहुंचाया जा रहा है. गोदामों के खाली होने पर पुनः नए चावल को रख दिया जा रहा है. मुख्य बात यह है कि अगर खराब चावल को लोगों के बीच विभाग का पा रहा है तो यह किसकी शह पर फिर शासन इसकी जांच क्यों कर रही है.
एसडीएम और फूड ऑफिसर का ध्यान नहीं
इस संबंध में हमने वाड्रफनगर के एसडीएम और फूड ऑफिसर सूचना देकर घटना की जानकारी देना चाहा तो उन्होंने फोन भी रिसीव नहीं किया, जिसके बाद जिला स्तरीय अधिकारियों से संपर्क कर घटना की शिकायत और निदान पहल करने का आग्रह किया. शासकीय उचित मूल्य दुकान संचालकों से इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि जितना भी चावल खराब आया उसे वापस भेजा जाएगा. फिलहाल, हितग्राहियों को खुद से छांट कर चावल दे दिया जा रहा है.
जिला खाद्य अधिकारी का तर्क
इस मामले में जिला खाद्य अधिकारी एसबी कामटे से मीडिया ने जब खराब चावल का फोटो दिखाया तो उन्होंने बोला यह चावल बिल्कुल भी खाने योग्य नहीं बताकर जांच की बात कही और किसके आदेश से ऐसे चावल की सप्लाई की जा रही कौन दोसी है उस पर कार्यवाही की बात कही है.