लंदन। दुनिया बड़ी गजब है. पश्चिमी देशों के लोग हम भारतीयों की कई परंपराओं को अंधविश्वास बताकर गाहे-बगाहे ताना मारते रहते हैं, इस काम में हम भारतीयों के बीच के भी कई कथित बुद्धिजीवी पीछे नहीं रहते. लेकिन ऐसी परंपराएं पश्चिमी देशों में भी मौजूद है, जिसका ताजा उदाहरण ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद देखने को मिला, जिसे जानकार आप भी हैरान हो जाएंगे.

ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मौत के बाद चार्ल्स तृतीय तख्तनशीं हो चुके हैं. इस बात की जानकारी दुनिया के तमाम लोगों को तो किसी न किसी जरिए से पहुंच चुकी है. लेकिन ब्रिटिश राजशाही के आधिकारिक निवास बकिंघम पैलेस और शाही निवास क्लैरेंस हाउस में पाली जाने वाली मधुमक्खियों को इस बात की जानकारी शाही मधुमक्सीपालक ने दी. 79 वर्षीय शाही मधुमक्खीपालक जॉन चैपल शुक्रवार को शाही मधुमक्खियों से पास पहुंचे और उन्हें फुसफुसाते हुए बताया कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय अब नहीं रहीं, चार्ल्स तृतीय अब तुम्हारे राजा हैं, उनके साथ अच्छे से पेश आना है.

ब्रिटेन की इस सदियों पुरानी परंपरा के तहत शाही मुधमक्खीपालक ने महारानी की मौत की सूचना देने से पहले महल में हजारों की संख्या में पाली जाने वाली मधुमक्खियों के पास गए छोटी प्रार्थना के बाद उनके घरौंदे को काले रिबन से बांधा और सिर झुकाया. इसके बाद मधुमक्खियों को महारानी की मौत की सूचना दी और नए राजा से अच्छे से पेश आने को कहा. इस सदियों पुरानी परंपरा के पीछे यह अंधविश्वास है कि अगर मधुमक्खियों को राजा या रानी के बदलने की जानकारी नहीं दी गई तो वे शहद नहीं देंगी, वे या तो घरौंदा छोड़ देंगी, या फिर मर जाएंगी.

बीते 15 सालों से शाही मधुमक्खीपालक की जिम्मेदारी निभा रहे जॉन चैपल कहते हैं कि मरने वाला शख्स मधुमक्खियों का मालिक है, परिवार में किसी की मौत हो जाए तो आप सूचना तो देते हैं ना, और यहां पर महारानी की मौत हुई है. इसलिए मधुमक्खियों को जानकारी दी गई है. मैं उनके एक-एक घरौंदे को खटखटाया और बताया कि महारानी अब नहीं रहीं, लेकिन आप मत जाओ. आपके नए मालिक अच्छे मालिक होंगे. वे बताते हैं कि क्लेरेंस हाउस में मधुमक्खियों के दो और बकिंघम पैलेस में तीन घरौदे हैं. इनमें लाखों की संख्या में मधुमक्खियां पाली जाती हैं.

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