चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी (आप) की पंजाब सरकार ने सरकारी नौकरियों में पारदर्शी भर्ती के अपने प्रयासों को ‘रोज़गार क्रांति’ का नाम दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान इस पहल को विपक्ष के खिलाफ एक बड़े हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं। आप पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में इस मुद्दे का पूरा फायदा उठाने की तैयारी में है। इसके लिए सभी मंत्रियों और विधायकों को विभिन्न मंचों पर ‘रोज़गार क्रांति’ को प्रमुखता से उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

पारदर्शी भर्ती पर जोर


मुख्यमंत्री मान ने दावा किया कि आप सरकार के ‘रंगला पंजाब’ मिशन में पारदर्शी भर्ती अहम हिस्सा है। अब तक सरकार ने पूरी ईमानदारी के साथ 55,201 युवाओं को सरकारी नौकरियां दी हैं। मान विभिन्न कार्यक्रमों और समागमों के जरिए युवाओं से सीधा संवाद कर रहे हैं, जिसमें वे ‘रोज़गार क्रांति’ के बारे में विस्तार से बताते हैं। वे युवाओं को बिना सिफारिश के नौकरियों के लिए आवेदन करने और मेहनत करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

युवाओं को सीएम ने दी प्रेरणा


युवाओं से बातचीत में मान ने कहा, “मेरे दादा, पिता, मामा या चाचा किसी राजनीतिक परिवार से नहीं थे। मैं एक कलाकार था, लेकिन यह सोचकर कि राजनीति का स्तर सुधारना चाहिए, मैंने फॉर्म भरा और जनता ने उसे स्वीकार किया।” उन्होंने युवाओं से मेहनत करने और बिना सिफारिश के सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने की अपील की, यह भरोसा दिलाते हुए कि उनकी मेहनत रंग लाएगी।

स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने कहा कि निष्पक्ष सरकारी भर्ती आप सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। उन्होंने कहा, “हमने इसे लागू किया है और इसे ही पंजाब में ‘रोज़गार क्रांति’ का नाम दिया गया है। अब तक दी गई सभी सरकारी नौकरियों पर कोई विवाद नहीं है, न ही किसी भर्ती प्रक्रिया को अदालत में चुनौती दी गई है। सब कुछ पूरी तरह पारदर्शी ढंग से किया गया है।”