रायपुर/गोंदिया. मुंबई-हावड़ा रूट में गोंदिया रेलवे स्टेशन के पास हुई सिग्नल के पार्ट्स चोरी होने के मामले में आरपीएफ को बड़ी संफलता मिली है.

 हाल ही में रेलवे में घटित हुई कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की खबरों के मध्य जब रेलवे अपने सिग्नलिंग सिस्टम को अति संवेदनशील मानते हुए इस पर गंभीरता से ध्यान दे रहा है. वहीं दूसरी ओर कुछ समाजविरोधी आपराधिक तत्व भी सिग्नल उपकरणों से छेड़छाड़ करने व उसकी चोरी करने से पीछे नहीं हट रहे. विगत 15.10.2023 की मध्यरात्रि आरपीएफ कंट्रोल रूम नागपुर में घंटी बजती है और खबर मिलती है कि गोंदिया RPF पोस्ट के क्षेत्राधिकार में गंगाझरी स्टेशन व काचेवानी स्टेशन के मध्य रेलवे फाटक क्रमांक-515 के पास स्थित सिग्नल विभाग के अतिसंवेदनशील माने जाने वाले रिले रूम का ताला तोड़कर कुछ अज्ञात बदमाशों द्वारा सिग्नल संबंधी कीमती उपकरणों (रिले) को निकालकर चोरी कर लिया गया है. जिससे सिग्नलिंग व्यवस्था ठप हो गई है और किसी बड़ी दुर्घटना के घटित होने की संभावना है. इस सूचना के संज्ञान में आते ही RPF नागपुर मंडल के मंडल सुरक्षा आयुक्त दीप चंद्र आर्य ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल 3 अलग-अलग टीम गठित की जिसमे आरपीएफ पोस्ट गोंदिया, आरपीएफ स्पेशल टास्क फोर्स नागपुर व आरपीएफ गुप्तचर शाखा गोंदिया तथा नागपुर के अधिकारी व जवान सम्मिलित किये गए. मंडल सुरक्षा आयुक्त ने स्वयं अगुआई करते हुए घटनास्थल का मुआयना उक्त टीम के साथ किया. आरपीएफ डॉग स्क्वाड के ट्रैकर डॉग दौड़ाए गए, गोंदिया जिले के पुलिस अधीक्षक निखिल पिंगले से मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा की और गंगाझरी सहित आसपास के अन्य पुलिस थानों व गुप्त सूत्रों/मुखबिरों को सक्रिय किया गया. गंगाझरी थाने के प्रभारी निरीक्षक महेश बंसोड़ ने पहले कई अपराधों में संलिप्त अपराधियों की जानकारी उपलब्ध कराई. दरअसल सिग्नल रिले रूम का ताला तोड़कर कुछ बदमाशों ने पहले तो अंदर लगे करोड़ों रुपये के उपकरणों के साथ छेडछाड की और वहाँ से 41 नग रिले निकालकर गायब हो गए. जिससे मेल एक्सप्रेस सहित मालगाड़ियों का आवागमन भी ठप हो गया. आसपास घना जंगल होने की वजह से इन बदमाशों को ढूंढना जब भूसे में सुई ढूंढने जैसा लगने लगा तब स्वयं मंडल सुरक्षा आयुक्त गोंदिया आ गए और घटनास्थल पर रहते हुए टीमों का नेतृत्व करने लगे.

  रिले रूम में चोरों के फुट प्रिंट व फिंगर प्रिंट निकाले गए, पुराने तमाम अपराधियों के फुटप्रिंट व फिंगरप्रिंट से मिलान किया गया.  रिले रूम के दरवाजे पर लगे सेंसर का डेटा निकाला गया, इसके आधार पर चोरी को अंजाम देने के समय उस क्षेत्र में सक्रिय सभी मोबाइल टावर का डेटा निकाला गया व उसका विश्लेषण किया गया.  इसी बीच आरपीएफ बिलासपुर जोन के DIG भवानी शंकर नाथ भी गोंदिया पहुँचे और घटनास्थल का मुआयना करते हुए जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़ने के निर्देश दिए. किसी भी अपराध की जाँच हेतु अपनाए जाने वाले सभी वैज्ञानिक तरीकों की मदद ली गई और अंततः 16/17.10.23 की मध्यरात्रि कुल 4 युवकों को हिरासत में लेते हुए उनके द्वारा चोरी करके जंगल में घनी झाड़ियों में छिपाए हुए सभी सिग्नल संबंधी उपकरण बरामद कर लिए. पूछताछ में चारों ने अपना नाम व पता-

  • (1) सलाम रफीक शेख, उम्र-24 वर्ष, पिता-रफीक शेख, पता-वार्ड नंबर-4, रेलवे चौकी रोड, गंगाझरी, थाना-गंगाझरी, जिला गोंदिया, महाराष्ट्र
  • (2) जितेंद्र नरेंद्र गिरी उर्फ जीतू, उम्र-34 वर्ष, पिता-स्वर्गीय नरेंद्र गिरी, पता-मजीतपुर, पप्पू पारधी फार्महाउस के सामने, गंगाझरी, थाना-गंगाझरी, जिला गोंदिया, महाराष्ट्र
  • (3) ऋषभ शशिकांत सिंह उर्फ सोनू, उम्र-24 वर्ष, पिता-शशिकांत सिंह, अस्थाई पता-टिकायतपुर, सभा मंडप के सामने, गंगाझरी, थाना-गंगाझरी, जिला गोंदिया, महाराष्ट्र स्थाई पता-MIDC हिग्ना लता मंगेशकर अस्पताल के पीछे, नागपुर, थाना-MIDC, नागपुर, महाराष्ट्र और
  • (4) एक नाबालिग उम्र-16 वर्ष, थाना-गंगाझरी, जिला गोंदिया, महाराष्ट्र बताया.

उक्त चारों युवकों ने अपने शराब व गाँजा पीने की आदत की वजह से लाखों यात्रियों की जान खतरे में डालते हुए सिग्नल उपकरणों से छेड़छाड़ की व उसे चुराकर जंगल मे छिपा दिया ताकि बाद में उन्हें तोड़कर उसके अंदर से तांबा निकालकर चंद रुपयों के लिए उसे किसी कबाड़ दुकान में बेंच सकें और अपनी नशे की मांग को पूरा कर सकें.

 रात दिन टीम द्वारा चोरों को पकड़ने हेतु किये जा रहे प्रयासों की पल पल की खबर मंडल सुरक्षा आयुक्त ले रहे थे और अंततः जब टीम कामयाब हुई तब जाकर उन्होंने चैन की सांस ली.

उक्त कार्यवाही में आरपीएफ गोंदिया के प्रभारी निरीक्षक वीके तिवारी, उप.निरी. राहुल पांडे, प्रधान आरक्षक राजेन्द्र रायकवार, स्पेशल टास्क टीम के प्रधान आरक्षक डब्ल्यू. जी. भंडारकर, प्रधान आरक्षक पी.एन. रायसेडाम, आरपीएफ गुप्तचर शाखा गोंदिया के निरीक्षक अनिल पाटिल, उप निरीक्षक केके दुबे, आरक्षक नासिर खान तथा अपराध गुप्तचर शाखा नागपुर के प्रभारी निरीक्षक नंद बहादुर, उप निरीक्षक विनेक मेश्राम और गंगाझरी थाने के प्रभारी निरीक्षक महेश बंसोड़ का कार्य सराहनीय रहा.