RPF Latest News: प्रतीक चौहान. रायपुर. यू तो पंचायत वेबसीरिज के प्रधान जी सचिव को लौकी तोहफे में दे देते है… लेकिन डीआईजी साहब अपने पड़ोसी को नहीं दे पाए. अब आप सोच रहे है कि हम ऐसा क्यों कह रहे है… तो चलिए आपको लौकी की ये पूरी कहानी बताते है, जो शुरू तो आरपीएफ के डीआईजी मोहम्मद शाकिब के घर से शुरू होती है और इसका अंत पड़ोसी के घर से आरपीएफ आरक्षक के लौकी वापस लाने के बाद खत्म होती है. (Railway DIG Lauki Controversy)

बात कुछ दिनों पुरानी है. आरपीएफ डीआईजी मोहम्मद शाकिब के शासकीय बंगले से लौकी की नार में लौकी ऊगी. नार बढ़ते-बढ़ते पड़ोस में मौजूद एक अधिकारी के घर चली गई और वहां 2 लौकी उगी. सूत्र बताते है कि 6 लौकी डीआईजी के तरफ भी फली. (RPF DIG News)

पड़ोसी अधिकारी ने अपने तरफ उगी 2 लौकी को तोड़ लिया. ये बात डीआईजी साहब को नागवार गुजरी, उन्होंने अपने बंगले में ड्यूटी करने वाले स्टॉफ को बुलाकर खूब फटकार लगाई और सस्पेंड करते तक की चेतावनी दी. डरे सहमे स्टॉफ ने पड़ोसी (रेलवे अधिकारी) के घर जाकर निवेदन किया और उनके द्वारा तोड़ी लौकी को वापस लाकर साहब के घर में छोड़ दिया.

सूत्र बताते है कि अब साहब के घर 6 लौकी बची है और बंगले में ड्यूटी करने वाले स्टॉफ अपनी ड्यूटी खत्म होने के बाद लौकी की काउंटिंग करते है और मौखिक रूप से लौकी दूसरे स्टॉफ को हेंडओवर करते है.

झपकी लगी तो भी मिली सस्पेंस की चेतावनी

डीआईजी के बंगले में ड्यूटी करने वाले तमाम स्टॉफ इन दिनों काफी परेशान है. सूत्र बताते  है कि कुछ दिनों पहले ही एक स्टॉफ की वहां बंगले में ड्यूटी के दौरान झपकी लग गई, जो साहब के परिजनों ने देख ली. बस फिर क्या था साहब ने उसे बुलाकर खूब फटकार लगाई. इस लौकी विवाद में आधिकारिक पक्ष जानने के लिए लल्लूराम डॉट कॉम ने आरपीएफ डीआईजी को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया.

आप भी RPF अधिकारियों की इसी प्रकार की करतूतों से परेशान है तो आप अपनी बात लल्लूराम डॉट कॉम तक, 93291-11133 पर फोन कर या वाट्सअप कॉल कर पहुंचा सकते है. हम आपको आश्वस्त करते है कि आपका नाम हर बार की तरह गोपनीय ही रखा जाएगा.