Railway News: प्रतीक चौहान. रायपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के आईजी के साथ पिकनिक जाने वाले बिलासपुर रेल मंडल के सीनियर डीएससी अब मुंबई के लिए रिलीव हो गए है. उनके स्थान पर दिनेश सिंह तोमर ने बिलासपुर रेल मंडल के Sr.DSC (आरपीएफ) का पद संभाल लिया है.

 लेकिन डीजी के आदेश के बाद जांच और कार्रवाई अब तक अधूरी है. बता दें कि लल्लूराम डॉट कॉम ने बिलासपुर रेल मंडल के पूर्व सीनियर डीएससी के खिलाफ हुई शिकायत और शिकायत के आधार पर डीजी द्वारा आरपीएफ आईजी को लिखे गए पत्र के संबंध में खुलासा किया था. अब सवाल ये है कि उक्त शिकायत की जांच न होना और डीजी के आदेश के बाद भी कोई कार्रवाई न होने का जिम्मेदार कौन है ?

 क्योंकि जांच और कार्रवाई के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के आईजी को निर्देश दिए गए थे. लेकिन जांच और कार्रवाई  के आदेश को दरकिनार कर वे अपने और सीनियर डीएससी के परिवार के साथ मैनपाट में निरीक्षण के बहाने पिकनिक इंजॉय कर रहे थे. हालांकि इस पूरे प्रकरण में आरपीएफ के जो उच्च पदस्थ सूत्र बता रहे है वो ये है कि आरपीएफ डीजी काफी नाराज चल रहे है और ये पूरा प्रकरण उनके संज्ञान में है.

लल्लूराम की खबर के बाद दिल्ली से जांच करने आए थे डीआईजी

वहीं रायपुर रेलवे स्टेशन में अवैध तरीके से खड़ी नो पार्किंग की गाड़ियों में अवैध तरीके से ही चेन लगवाने का खुलासा भी लल्लूराम डॉट कॉम ने किया था. जिसके बाद आईजी ने आईवीजी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी थी और उसके बाद एक और अन्य मामले में जांच के लिए दिल्ली से पिछले दिनों डीआईजी रायपुर पहुंचे थे. जिसमें उन्होंने रायपुर के अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी ली. बता दें कि उक्त मामले में रायपुर आरपीएफ पोस्ट के इंस्पेक्टर समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारियों को मेजर चार्जशीट दी गई है.

डीजी का गोपनीय पत्र कैसे हुआ वायरल ? इसकी पड़ताल में लगे अधिकारी

आरपीएफ के उच्च पदस्थ अधिकारी डीजी के उस आदेश को ठेंगा दिखाते रहे. जिसमें जांच के बाद कार्रवाई की बात कही गई थी. लेकिन लल्लूराम डॉट कॉम के खुलासे के बाद आरपीएफ के उच्च पदस्थ अधिकारी डीजी के आदेश को भूल ये पड़ताल करने में लगे हुए है कि ये गोपनीय पत्र मीडिया तक कैसे पहुंचा! लल्लूराम को जानकारी मिली है कि शक के बिनाह पर रोज अधिकारियों को बार-बार चेंबर में बुलाया जा रहा है और उनसे अलग-अलग तरीके से पूछा जा रहा है कि ये पत्र कैसे लल्लूराम तक पहुंचा! लेकिन इन सब के बीच वो जांच और कार्रवाई अब भी अधूरी है जो डीजी ने इस गोपनीय पत्र में बतौर निर्देश आईजी को दी थी.

कई अधिकारियों की शिकायत और जांच लंबित

ऐसा नहीं है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में बिलासपुर रेल मंडल के पूर्व सीनियर कमांडेंट ही ऐसे थे जिनकी शिकायत और जांच की फाइल को दबाकर रख दिया गया था, उनके अलावा भी कई उच्च पदस्थ अधिकारी ऐसे है जिनकी गंभीर शिकायतों के बाद भी जांच अधूरी है. सूत्रों के मुताबिक इसमें से कुछ शिकायतें ट्रांसफर-पोस्टिंग की आड़ में मोटी रकम लेने, कुछ अधिकारियों शिकायत के बाद बदला लेने की आड़ में चोरी के मामले में कार्रवाई करने समेत अन्य कई शिकायतों की जांच अधूरी है.

आईजी और रायपुर डीआरएम के सैलून के दुरूपयोग की जांच कौन करेगा ?

इन सब के बीच सैलून के दुरूपयोग के दो मामले हाल ही में सामने आए. जिसमें एक में जोन के आईजी निरीक्षण के नाम पर परिवार के साथ मैनपाट पिकनिक जाने और रायपुर डीआरएम के फोटोशूट करवाने दल्लीराजहरा जाने का है. इन दोनो मामलों अब ठंडे बस्ते में चले गए है. यही ऐसा कोई काम निचले स्तर के कर्मचारी द्वारा की जाता तो अब तक उसकी नौकरी पर बन आती.

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