RPF Latest News: प्रतीक चौहान. रायपुर रेल मंडल के आरपीएफ कमांडेंट रमन कुमार दो दिन पहले दुर्ग आरपीएफ पोस्ट में सुरक्षा सम्मेलन लेने पहुंचे. वहां थाने के अंदर एक अवैध वेंडर राहुल सोनकर (उर्फ आरपीएफ दुर्ग पोस्ट का सेवक) ने नारियल पानी, लस्सी/दही और स्पेशल थाली खिलाकर पूरी सेवा की. इसके बाद साहब ने थाने में सुरक्षा सम्मेलन ली. इसमें लल्लूराम का नाम लिए बिना आरपीएफ पोस्ट दुर्ग के तमाम स्टॉफ को ये चेतावनी दी कि जो भी मीडिया तक थाने की खबरें पहुंचा रहा है वो सावधान हो जाए और वो चाहे तो (कमांडेंट) दो मिनट में सीडीआर निकालकर ये पता करवा सकते है कि पत्रकार के संपर्क में कौन-कौन है और कौन खबरें पहुंचा रहा है उसे वो घर भेज सकते है.

 अब सवाल ये है कि नियमों की इतनी परवाह करने वाले कमांडेंट साहब ने आरपीएफ पोस्ट में उनकी सेवा करने वाले सेवक राहुल सोनकर के संबंध में आरपीएफ पोस्ट के इंस्पेक्टर से कुछ क्यों नहीं पूछा कि वो कौन है और उनके लिए जो नारियल पानी, लस्सी और स्पेशल थाली खाना आ रहा है उसका पैसा कौन देगा ? क्या ये शासकीय खाते में जोड़ा जाएगा ? या उस सेवक को इस खर्चे के बदले अवैध वेंडिंग करने या करवाने की आंख बंदकर अनुमति दी जाएगी. सेवक के ये पूरे कारनामे आरपीफ पोस्ट में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद है, आईजी साहब या रेलवे बोर्ड के आरपीएफ अधिकारी चाहे तो जांच करवाकर देख सकते है.

अब आपको बताते है सीडीआर निकालने की चेतावनी क्यों दी साहब ने

आरपीएफ दुर्ग पोस्ट के सेवक और इसी अवैध वेंडर ने की कमांडेंट की सेवा (पोस्ट में लगे CCTV कैमरे में मौजूद है नारियल पानी, लस्सी/दही और स्पेशल थाली लाने और देने की प्रमाण)

दरअसल पिछले दिनों लल्लूराम डॉट कॉम ने रायपुर रेल मंडल के आरपीएफ कमांडेंट के एक आदेश को प्रकाशित किया था. जिसमें ये बताया गया था कि कैसे वे दुर्ग थाने में पदस्थ तमाम स्टॉफ से ट्रेनों में एस्कार्टिंग के नाम पर 18-18 घंटे की ड्यूटी करा रहे है. इस खबर में लल्लूराम ने उनके हस्ताक्षर हुए आदेश की कॉपी भी अटैच की थी. जिसके बाद उन्हें ये आदेश वापस लेना पड़ा और ये खबर भी लल्लूराम ने प्रमुखता से प्रकाशित की. इसके अलावा लल्लूराम ने वंदेभारत ट्रेन में पहले दिन महासमुंद गई उनकी पत्नी के लिए लगाए गए स्पेशल बॉडीगार्ड और उन्हें लेने गई गाड़ी को लेकर भी खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी, जो पूरे जोन और आरपीएफ अधिकारियों के बीच सुर्खियों में थी. संभवतः यही कारण है कि सीडीआर निकालने की चेतावनी उन्हें आरपीएफ के सुरक्षा सम्मेलन में देनी पड़ी.

लेकिन सुरक्षा सम्मेलन में मौजूद कुछ स्टॉफ ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यदि कमांडेंट साहब चेतावनी के अलावा वहां मौजूद ई-2 रजिस्टर में उनके साथ हो रहे अन्याय को देखते तो उन्हें ज्यादा अच्छा लगता.

लल्लूराम की अपील, आप रहे सावधान और ऐसे पहुंचाए खबर

लल्लूराम डॉट कॉम अपने तमाम आरपीएफ सूत्रो से अपील करता है कि वे सावधान रहे और तमाम सूचनाएं वो वाट्सअप/वाट्सअप कॉल या सोशल मीडिया के माध्यम से ही पहुंचाए. वे चाहे तो अपने दोस्त या रिश्तेदार या परिवार के अन्य सदस्य के फोन से ही फोन करें. सूचनाएं पहुंचाने के बाद मैसेज को याद से डिलीट कर दें या लल्लूराम डॉट कॉम के ऑफिस के पते पर वे चाहे तो पत्र भी भेज सकते है. लल्लूराम आपको आश्वस्त करता है कि जैसे अब तक सूत्रों की जानकारी कभी लीक नहीं हुई वो आगे भी कभी किसी तक लीक नहीं होगी और आरपीएफ में उनके साथ हो नियमों के विपरित की तमाम खबरें बेबाकी के साथ ही प्रकाशित की जाएगी.