RPF Latest News: प्रतीक चौहान. रायपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के आरपीएफ आईजी मुनव्वर खुर्शीद को एक साल का एक्सटेंशन मिलने वाला है. दिल्ली हेड क्वाटर के आरपीएफ सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि आईजी के पर्फार्मेंस को देखते हुए 1 साल का एक्सटेंशन दिया जा सकता है, लेकिन अब तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. बता दें कि आईजी पिछले दिनों दिल्ली दौरे पर थे.


वहीं दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के डीआईजी मुहम्मद साकिब का आईजी बनकर इसी जोन में पोस्टिंग का सपना खटाई में पड़ता नजर आ रहा है. सूत्रों के मुताबिक डीआईजी के पूर्व पर्फामेंस और अपने पोस्टिंग के दौरान किए गए कारनामों के कारण वे काफी सुर्खियों में रहते है, यही कारण है कि उनके जूनियरों का प्रमोशन होने के बावजूद उनके प्रमोशन में किसी न किसी प्रकार से खटाई में पड़ ही जाता है. सूत्र बताते है कि मध्य प्रदेश के कुछ मंत्रियों से जैक लगाने के बावजूद डीजी दफ्तर से प्रमोशन को लेकर पॉजिटिव रिस्पांस नजर नहीं आया है. वहीं अगर आईजी के एक्सटेंशन का आदेश जारी होता है तो उनका यह बतौर आईजी तीसरा वर्ष होगा.
नहीं निकली एसआईबी इंस्पेक्टर की लाल-निली बत्ती, किसका आशीर्वाद ?
सीधा आईजी को रिपोर्ट करने वाले रायपुर रेल मंडल के एसआईबी इंस्पेक्टर की लाल-निली बत्ती अब भी नहीं निकली है. सूत्रों के मुताबिक बिलासपुर हेड क्वाटर से विशेष आशीर्वाद प्राप्त इंस्पेक्टर होने के कारण नियमों के मुताबिक ये लाल-निली बत्ती नहीं निकाली गई है. अब सवाल ये है कि क्या दिल्ली हेड क्वाटर से डीजी द्वारा आईजी को निर्देशित करने के बाद ही नियमों के विपरित लगाई गई ये लाल-निली बत्ती निकलेगी ?
अब सीधे आईजी को रिपोर्ट नहीं भेजती एसआईबी ?
हां… लंबे समय से एक ही थाने के पास में पदस्थ एसआईबी के सब इंस्पेक्टर अब सीधा आईजी को रिपोर्ट नहीं कर रहे है. इसकी पुख्ता जानकारी लल्लूराम डॉट कॉम के पास मौजूद है. बता दें कि ये पूरा मामला भिलाई एसआईबी से जुड़ा हुआ है.
लाल-निली बत्ती न निकालने की एक वजह ये भी ?
आरपीएफ के उच्च पदस्थ सूत्र बताते है कि एसआईबी को अलॉट गाड़ी का इस्तेमाल आईजी-डीआईजी के आने पर एस्कार्टिंग के रूप में भी किया जाता है. वहीं कई बार गाड़ी का इस्तेमाल सीआईबी के अधिकारी भी करते है, यही कारण है कि लाल-निली बत्ती इसमें लगे होने की बात अधिकारी कह रहे है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक बिलासपुर जोन में जो गाड़ी थानों में लगाई जानी है उसका इस्तेमाल अधिकारी अपने परिजनों के लिए कर रहे है, यही कारण है कि जोन के थानों में गाड़ियों की शार्टेज है.