प्रतीक चौहान. रायपुर. दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के बिलासपुर रेल मंडल में अब आरपीएफ के स्टॉफ रिश्वत की राशि सीधे ऑन लाइन ले रहे है. स्टॉफ के हौसले इतने बुलंद है कि ये ट्रांजेक्शन रोजाना हो रहा है. लेकिन हैरानी की बात ये है कि रेलवे बोर्ड के उस सर्कुलर को ठेंगा दिखाते हुए बिलासपुर डिवीजन के कमांडेंट ने संबंधित पोस्ट के इंस्पेक्टर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की है, जबकि इस मामले में कछुए की चाल में जांच की जा रही है.
पूरा मामला बिलासपुर रेल मंडल के अनुपपूर आरपीएफ पोस्ट का है. यहां स्टॉफ आरोपियों से सीधे-सीधे रिश्वत और मूचलके की राशि अनुपपूर रेलवे स्टेशन के वेंडरों और उनसे जुड़े परिवार के सदस्यों के अकाउंट में ले रहे है. ये ट्रांजेक्शन रोजाना हो रहा है. सूत्र बताते है कि वेंडर और आरपीएफ स्टॉफ के बैंक अकाउंट में इसके सबूत मौजूद है.
लेकिन लेन-देन के प्रमाण मिलने के बाद भी बिलासपुर जोन के जिम्मेदार अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की है. जबकि ये जिम्मेदार अधिकारी हर बात पर इंस्पेक्टरों को ‘सस्पेंड कर दूंगा’ कहे जाने के लिए इंस्पेक्टरों के बीच चर्चित है.
लेकिन प्रमाण मिलने के बाद भी इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए नजर नहीं आए है.
हरद स्टेशन से हुई 3 लाख की बैटरी चोरी
अनुपपूर आरपीएफ पोस्ट के क्षेत्र में आने वाले हरद रेलवे स्टेशन से खड़ी स्टेबल कोचिंग रैक से करीब 3 लाख रूपए की बैटरी चोरी होने की खबर है. सूत्र के मुताबिक हरद रेलवे स्टेशन में एक्सट्रा एसी कोच खड़ी थी. इसके लिए आरपीएफ स्टॉफ की 24 घंटे ड्यूटी लगाई गई थी. इसका टीए भी लिया जा रहा था. लेकिन बावजूद इसके यहां से करीब 3 लाख रूपए की बैटरी चोरी होने की खबर है. सूत्रों के मुताबिक बिलासपुर मंडल के अधिकारी इस पूरे मामले की जांच के लिए हरद रेलवे स्टेशन पहुंचे थे.
अब सवाल ये है कि क्या चोरी के इस मामले में आरपीएफ ने 11-3-2022 को जारी सर्कुलर का पालन किया ? जो बिलासपुर आरपीएफ कमांडेंट द्वारा अपने मंडल में जारी किया गया है. नीचे पढ़े जारी किया गया सर्कुलर