राउरकेला. चक्रधरपुर रेल मंडल में भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में आरपीएफ प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए तत्कालीन बंडामुंडा आरपीएफ थाना प्रभारी अरुण कुमार टोकास को निलंबित कर दिया है. यह कार्रवाई बीते अक्टूबर माह में कूड़ा बीनने वाली एक महिला से 15 हजार रुपये रिश्वत वसूली के मामले में की गई है. निलंबन आदेश चक्रधरपुर रेल मंडल के सीनियर डीएससी पी. शंकर कुट्टी द्वारा जारी किया गया. गौरतलब है कि 10 अक्टूबर को सीबीआई ने बंडामुंडा आरपीएफ पोस्ट में पदस्थ जवान मोहम्मद असरार को राउरकेला में महिला से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.

इसके बाद सीबीआई ने मामले की गहन जांच शुरू की, जिसमें तत्कालीन थाना प्रभारी अरुण कुमार टोकास की भूमिका भी संदेह के घेरे में आई. जांच के दौरान उन्हें पहले मंडल मुख्यालय में अटैच किया गया था. सीबीआई ने इस प्रकरण में बंडामुंडा पोस्ट के विकास पांडे समेत दो आरपीएफ सब-इंस्पेक्टरों से भी पूछताछ की है. सामाजिक संगठनों द्वारा आरपीएफ डीजी सोनाली मिश्रा से निष्पक्ष जांच की मांग किए जाने के बाद यह कार्रवाई सामने आई है.
निलंबन की खबर से बंडामुंडा क्षेत्र में लोगों ने संतोष जताया है और आरपीएफ डीजी की सख्त कार्यशैली की सराहना की जा रही है. हालांकि, इस बीच स्थानीय लोगों ने राउरकेला आरपीएफ एएससी अग्निदेव प्रसाद की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं. आरोप है कि उनके कार्यकाल के मात्र पांच महीनों के भीतर दो बार सीबीआई ने आरपीएफ पर कार्रवाई की है, जिसमें दो इंस्पेक्टर और दो कांस्टेबलों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले सीबीआई कोर्ट में दर्ज हुए हैं. ऐसे में अब राउरकेला एएससी पर भी कार्रवाई की मांग तेज होती जा रही है.


