
रायपुर- संघ प्रमुख मोहन भागवत तीन दिवसीय प्रवास पर आज छत्तीसगढ़ पहुंच गए हैं. भागवत संघ के प्रांत पदाधिकारियों की बैठक लेंगे. छत्तीसगढ़ में संघ की गतिविधियों को लेकर सालाना रिपोर्ट भी मोहन भागवत लेंगे. संघ प्रमुख कल शाम चार बजे साइंस काॅलेज मैदान में सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे.
चुनावी साल में मोहन भागवत का छत्तीसगढ़ दौरा कई लिहाज से अहम माना जा रहा है. हालांकि जिस वक्त मोहन भागवत छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं, ठीस उस वक्त मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह विदेश दौरे पर गए हुए हैं, लेकिन संगठन के तमाम पदाधिकारी संघ प्रमुख से मिलकर बीजेपी संगठन की गतिविधियों की जानकारी साझा कर सकते हैं. चर्चा है कि सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री भी संघ प्रमुख से मुलाकात कर सकते हैं.
संत्र के सूत्रों के मुताबिक मोहन भागवत संघ की रूटिन बैठक लेंगे. संघ के अलग-अलग विभाग जैसे शारीरिक, बौद्धिक, सेवा, संपर्क, प्रचार, समरसता, गौ-सेवा, कुटुंब प्रबोधन में किए गए कार्यों की जानकारी लेंगे. किस विभाग ने कितना नवाचार किया, समग्र ग्राम विकास में प्रदेश के किस गांव में बेहतर काम हुआ, समाज में समरसता के किस तरह के काम किए जा रहे हैं. ऐसे तमाम पहलूओं पर संघ प्रमुख की नजर होगी. इसके अलावा संघ के अनुषांगिक संगठनों की बैठक भी मोहन भागवत लेंगे.
संघ प्रमुख के शरण में होगी बीजेपी सरकार
मोहन भागवत के दौरे के मद्देनजर सत्ता के शीर्षस्थ चेहरे संघ प्रमुख के सामने दंडवत नजर आ सकते हैं, हालांकि कहा जा रहा है कि संघ प्रमुख विशुद्ध तौर पर संघ की गतिविधियों का लेखा-जोखा लेने प्रदेश दौरे पर आए हैं, लेकिन चर्चा है कि चुनावी साल होने की वजह से बीजेपी सरकार के कामकाज पर भी उनकी नजर होगी. सूत्र बताते हैं कि संघ ने बीजेपी सरकार के कामकाज की रिपोर्ट कार्ड तैयार करवा रखी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि चौथी पारी खेलने की बांट जोह रही बीजेपी को सत्ता में काबिज होने के लिए पापड़ बेलने पड़ सकते हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 65 सीट जीतने का बड़ा लक्ष्य भी बीजेपी प्रदेश संगठन को दे चुके हैं. ऐसे में बीजेपी के पक्ष में कैसे सकारात्मक माहौल बनाया जा सके, इस मुद्दे पर भी अहम चर्चा होने की खबर है. छत्तीसगढ़ के दुरूस्त अंचलों में संघ का एक बड़ा कैडर काम में जुटा हुआ है, जो संघ के अपने एजेंडे के तहत काम कर रहा है. चुनावी साल में इस कैडर का इस्तेमाल बीजेपी को सत्ता में लाने के हिसाब से किया जा सके, इसकी भी रणनीति तैयार की जा सकती है.