RSS Chief Mohan Bhagwat On Bigotry: कट्टरता क्रोध और घृणा पैदा करती है, जिससे झगड़े और युद्ध होते हैं। कट्टरता ही युद्ध का कारण और इसे शिव भक्ति में लीन रहकर रोका जा सकता है। ये कहना है संघ प्रमुख मोहन भागवत का। आरएसएस चीफ ने नागपुर में शिव मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद एक समारोह में यह टिप्पणी की। मोहन भागवत ने कट्टरता को क्रोध और घृणा का मूल कारण बताया है, जिससे संघर्ष और युद्ध उत्पन्न होते हैं। उन्होंने शिव भक्ति और दयालु जीवनशैली को इन नकारात्मक प्रवृत्तियों से मुक्ति का मार्ग बताया।
उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी समस्याओं का मूल कारण मानव स्वभाव की पांच या छह प्रवृत्तियां हैं। इसके कारण ही हर समस्या पैदा होती है। भागवत ने भारत को मानवता के उन्नत भविष्य के लिए विश्व का नेतृत्व करने का आह्वान किया।
भागवत ने कहा कि व्यक्ति को विनम्रता का जीवन अपनाना चाहिए और अपने लिए चीजें हासिल करने की इच्छा रखे बिना सभी के प्रति दया का भाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी पवित्र जीवनशैली की ओर प्रतिदिन एक कदम बढ़ाना ही शिव के प्रति सच्ची भक्ति है।
दुनिया बदलाव के दौर से गुजर रही- भागवत
संघ प्रमुख ने कहा कि दुनिया बदलाव के दौर से गुजर रही है और अगर मनुष्य ने उचित कदम नहीं उठाए, तो इसका विनाश हो जाएगा, लेकिन अगर वे सही कदम उठाएंगे, तो मानवता का एक नया उन्नत रूप उभरकर सामने आएगा। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि मानवता के ऐसे उन्नत स्वरूप के उद्भव के लिए भारत को विश्व का नेतृत्व करना होगा। उन्होंने कहा कि देश में विश्वभर के लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने की शक्ति है।
भारत को विश्व का नेतृत्व करना होगा
भागवत ने यह भी कहा कि आज विचारक और बुद्धिजीवी कह रहे हैं कि दुनिया में परिवर्तन हो रहा है। समय बदल रहा है और इस बदलते युग में, यदि मनुष्य सही दिशा में उचित कदम नहीं उठाएगा तो विनाशकाल का सामना करना पड़ेगा। लेकिन, यदि सही दिशा में उचित कदम उठाए जाएं तो मानवता का एक नया उन्नत स्वरूप उभरेगा। और इस उन्नत स्वरूप के उदय के लिए, भारत को विश्व का नेतृत्व करना होगा। भागवत ने कहा कि भारत में इस दुनिया के लोगों के जीवन को बदलने की शक्ति है। भारत में वह शक्ति है कि वह दुनिया को राहत दे सके।
वाघ-नख हर किसी को देखना चाहिए
संघ प्रमुख ने इस कार्यक्रम से पहले नागपुर में एक प्रदर्शनी का भी दौरा किया, यहां छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रसिद्ध हथियार वाघ-नख (बाघ के पंजे जैसे नुकीले हथियार) को प्रदर्शित किया गया था। उन्होंने इस ऐतिहासिक हथियार को देखने के बाद कहा कि हर किसी को यह देखना चाहिए, क्योंकि यह हमें हमारे शौर्य और वीरता के इतिहास की याद दिलाता है। यह प्रदर्शनी शिवशस्त्र शौर्यगाथा के नाम से लगाई गई है, जिसमें मराठा योद्धाओं द्वारा इस्तेमाल किए गए कई ऐतिहासिक हथियारों को दिखाया जा रहा है।
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