आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. बस्तर में बीजेपी के चुनाव प्रचार से आरएसएस संतुष्ट नहीं है. 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जनाधार खोया था. इसके बाद नई जमीन तलाशने 2023 विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय स्तर के नेता लगातार बस्तर दौरे पर पहुंच रहे और स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को रिचार्ज करने में लगे हुए है.

कुछ दिन पहले बस्तर में बीजेपी की गोपनीय बैठक हुई. इस बैठक में आरएसएस के राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी भी पहुंचे हुए थे. बैठक इतनी गोपनीय रखी गई थी कि कई बीजेपी नेता व कार्यकताओं को कानोंकान इसकी भनक तक नहीं लगी. राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि इस बैठक में कई नेताओं को जमकर फटकार भी लगाई गई. सुनाई तो यह भी दे रहा है कि आरएसएस के पदाधिकारी बीजेपी के नेताओं को हवा में ना उड़ने की बात भी कही. जमीन पर उतरकर काम करने की नसीहत भी दी गई.

सभी से बात करते हुए यह भी चर्चा हुई कि भारतीय जनता पार्टी से जनता की दूरी बनी हुई है. समय रहते इस दूरी को अगर नहीं भरा गया तो 2023 में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ सकता है. इस बैठक में बस्तर संभाग के सभी जिलों के अध्यक्षों को भी बुलाया गया था. साथ ही प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप, महामंत्री किरण देव के साथ कई स्थानीय नेता इस बैठक में शामिल हुए थे.

इस बैठक में राष्ट्रीय कार्यसमिति की सदस्य लता उसेंडी को भी बुलाया गया था, लेकिन वे इस बैठक में शामिल नहीं हुई थी. इसके अलावा राष्ट्रीय पदाधिकारी, आरएसएस के क्षेत्रीय पदाधिकारी दीपक बिसपुते, अशोल जामवाल, पवन साय के साथ कई बड़े नेता भी मौजूद थे. घंटों चली इस गोपनीय बैठक में पूरी तरह से चुनाव पर चर्चा हुई. सूत्र यह भी बता रहे हैं कि इस बैठक के बाद नेताओं की सक्रियता बढ़ी है. अब मैदानी स्तर पर काम शुरू किया गया है.