उत्तराखंड में अगले एक साल के अंदर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक हजार सभाएं कराने जा रहा है. इस घोषणा की चर्चा प्रदेश में चल रही है. इस बीच पूर्व सीएम हरीश रावत ने सभाओं को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने आरएसएस पर निशाना साधा है. रावत का कहना है कि इन सभाओं में आरएसएस क्या घोलेगी क्या नहीं ये हमें पता है. इस तरह रावत ने आरएसएस पर इशारों ही इशारों में गंभीर आरोप लगा दिया है.

पूर्व सीएम ने कहा है कि कांग्रेस और RSS अर्थात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, देश के अंदर आजादी से पहले ही दो अलग-अलग वैचारिक ध्रुव रहे हैं. जब आपके वैचारिक प्रतिद्वंदी कभी कोई बड़ा ऐलान करें तो चौकना स्वाभाविक है. आरएसएस ने उत्तराखंड के संदर्भ में घोषणा की है कि अगले 1 वर्ष के अंदर वह एक हजार सभाएं करेंगे. उन सभाओं में क्या घोलेंगे-क्या नहीं घोलेंगे? यह हमको ज्ञात है.

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हरीश रावत ने कहा कि मैंने निश्चय किया है कि मैं भी अगले एक साल के अन्दर छोटी-बड़ी 100 बैठकें करूंगा और उन बैठकों में निरंतर बढ़ती हुई बेरोजगारी, राज्य में भयावह हो रही नशे की लत, राज्य के अस्तित्व के लिए खतरा बनता जा रहा पलायन, जलवायु परिवर्तन से मानव जीवन के लिए उत्पन्न खतरा और बादल फटने की घटनाओं में भारी वृद्धि, उठते सवाल और उनका समाधान, राज्य के शिक्षा, स्वास्थ्य व पौष्टिकता के स्तर में आ रही निरंतर गिरावट, राज्य को प्रत्येक स्तर पर खोखला कर रहा सत्ता का भ्रष्टाचार, यदि जंगली जानवरों विशेष तौर पर बाघ, भालू, गुलदार, हाथी, बंदर व लंगूरों से गांव के लोगों के जीवन के लिए बढ़ता खतरा, सरकारी तंत्र की निरंकुशता और किसानों-मजदूरों, नौजवानों के सवालों को कुचलने की सरकार की बढ़ती प्रवृति आदि ज्वलंत प्रश्नों पर लोगों से चर्चा करूंगा.