कर्नाटक (Karnataka) में RSS (Rashtriya Swayamsevak Sangh) की तीन दिवसीय बैठक शुरू हो चुका है. संघ की बैठक शुक्रवार 21 मार्च से रविवार 23 मार्च तक चलेगा. बैठक का उद्घाटन आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने किया. 3 दिन तक चलने वाली RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के उद्घाटन सत्र में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह (Manmohan Singh), तबला वादक जाकिर हुसैन (Zakir Hussain) समेत संघ के दिवंगत कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि दी गई. मणिपुर (Manipur) की स्थिति और तमिलनाडु (Tamil Nadu) में चल रहे भाषा विवाद को लेकर संघ ने चिंता जताई है.

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 21-23 मार्च तक कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित की जा रही है. इस बैठक में संघ से जुड़े करीब 30 से अधिक संगठनों के करीब 1480 प्रतिनिधि शामिल होंगे.
राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के सह सरकार्यवाह मुकुंद सीआर ने कहा कि मणिपुर बीते 20 महीनों से बुरे दौर से गुजर रहा है. केंद्र सरकार के कुछ राजनीतिक और प्रशासनिक फैसलों के बाद अब उम्मीद की किरण नजर आ रही है. उन्होंने कहा कि मणिपुर में हालात सामान्य होने में अभी लंबा समय लगेगा.
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संघ के सह सरकार्यवाह ने तमिलनाडु और केंद्र सरकार के बीच चल रहे भाषा और परिसीमन विवाद पर भी चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि, देश की एकता को कुछ ताकतें हैं, जो चुनौती दे रही हैं. वह उत्तर और दक्षिण के बीच बहस को बढ़ावा दे रही हैं. चाहे वह परिसीमन की डिबेट हो या भाषा की डिबेट. यह ज्यादातर पॉलिटिकली मोटिवेटेड हैं.
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उन्होंने आगे कहा कि यह सही नहीं है कि हम आपस में लड़ें. अगर कोई दिक्कत है तो उसे मिलकर, सद्भावना से हल किया जा सकता है. हमारे स्वयंसेवक और अलग अलग विचार परिवार के लोग सद्भावना की पूरी कोशिश कर रहे हैं, खासकर दक्षिण भारत के राज्यों में.
मातृभाषा संघ का रिजॉल्यूशन
सह सरकार्यवाह मुकुंद सीआर ने कहा कि संघ का हमेशा जोर यही रहा है कि मातृभाषा में ही पढ़ाई हो. पढ़ाई ही नहीं, बल्कि जहां भी संभव हो मातृभाषा का ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि दो भाषा या तीन भाषा फॉर्मूला को लेकर संघ का कोई रिजॉल्यूशन नहीं है, लेकिन मातृभाषा को लेकर संघ का रिजॉल्यूशन है.
संघ का मानना है कि समाज में भी हमें कई भाषाएं सीखनी चाहिए. एक मातृभाषा और दूसरी मार्केट लैंग्वेज सीखनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि, तमिलनाडु में हैं तो तमिल, दिल्ली में हैं तो हिंदी सीखने की जरूरत होगी और इसी तरह करियर लैंग्वेज जैसे इंग्लिश या दूसरी भाषा भी जरूरी हैं।
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