सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ में निशुल्क शिक्षा दिलाने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) के तहत प्रवेश प्रक्रिया के लिए ऑनलाइन लॉटरी में तकनीकी खराबी आ गई थी. अब नया ऑनलाइन लॉटरी 8 मई को निकाली जाएगी. इसका आदेश सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिया गया है. लोक शिक्षण संचालक अधिकारी एस प्रकाश ने बताया कि जो तकनीकी खराबी हुई थी, उसे ठीक कर लिया गया है. लॉटरी के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है.

बता दें कि आरटीई के तहत निजी स्कलों में गरीब बच्चों के लिए 86 हजार 508 सीट आरक्षित है. जिसके लिए प्रदेश भर से 99 हजार 871 आवेदन आए थे. स्कूटनी के बाद 49 हजार 284 पात्र पाए गए. जिसमें लगभग 50 प्रतिशत लॉटरी का काम पूरी कर लिया गया था. लेकिन उसमें कई खामिया पाई गई, जो विभाग के लिए एक चुनौती से कम नहीं है.

ये थी खामिया जो अब भी है बरकरार

ऑनलाईन लॉटरी 8 मई को दोबारा निकाला जाएगा, लेकिन कई नोडल अधिकारों के द्वारा ऑनलाईन आवेदन का परीक्षण ही नहीं किया गया और प्राप्त आवेदनों की स्थिति भी नहीं बदला गया. वो सभी आवेदनों की स्थिति Applied ही दिख रहा है. उन आवेदनों की लॉटरी क्यों नहीं निकाली जा रही है.

पालक संघ ने लगाया आरोप

वहीं छत्तीसगढ़ पालक संघ के अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि जिला शिक्षा अधिकारियों के द्वारा दस्तावेजों या आवेदनों के परीक्षण के संबंध में कोई स्पष्ट प्रमाणित गाईड लाईन जारी नहीं किया गया है. सभी नोडल अधिकारियों के द्वारा अपने-अपने तरीके से डीपीआई द्वारा जारी टाईम टेबल का उल्लघंन कर दस्तावेजों का ऑफलाईन परीक्षण किया गया. ऑनलाइन महज दिखावा है.

उन्होंने कहा कि यह सब सोच समझ कर की गई गड़बड़ी है और इसे साफ्टवेर खराबी नाम दे दिया है. छग पैरेंटस एसोसिएशन के द्वारा शिक्षा का अधिकार ऑनलाइन भर्ती में हो रही गड़बड़ी की शिकायत बीते शिक्षा सत्र से की जा रही है और इस गलती को इस वर्ष भी जानबुझकर सुधारा नहीं गया. इस वर्ष भी कुल प्राईवेट स्कूल, आरटीई के अंतर्गत पंजीकृत स्कूल, आरक्षित सीटों और प्राप्त आवेदनों की सही जानकारी आरटीई वेबपोर्टल में अपलोड नहीं है.

गौरतलब है कि बीपीएल श्रेणी के बच्चों के निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत अरक्षित होता है. जिसके लिए ऑनलाईन लॉटरी निकाली गई थी, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण से लॉटरी रोकी गई है. अब सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि 8 मई को आरटीई लॉटरी खोला जाएगा.