रायपुर। पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में कोविड-19 की पहचान के लिए अब तक दो लाख से अधिक सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच की जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के विशेष सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना ने बताया कि 25 दिसम्बर तक रायपुर मेडिकल कॉलेज में दो लाख एक हजार 979 सैंपलों की जांच की गई है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की पुष्टि के लिए आरटीपीसीआर सबसे विश्वसनीय और सटीक जांच है। राज्य में भी इसकी पहचान के लिए अधिक से अधिक सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच पर जोर दिया जा रहा है।

रायपुर मेडिकल कॉलेज के वायरोलॉजी लैब में इस साल 14 अप्रैल से 22 सैंपलों के साथ आरटीपीसीआर जांच की शुरूआत हुई थी। लॉक-डाउन के उस दौर में कन्ज्युमेबल्स (Consumable) एवं अन्य संसाधनों की दिक्कतों के बीच राज्य शासन ने इस लैब को शुरू किया था। इसे शुरू करने स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के मार्गदर्शन में भारत सरकार, आईसीएमआर और विभिन्न राज्यों से मदद और समन्वय के लिए अलग-अलग मोर्चे पर करीब 20 अधिकारी-कर्मचारी दिन रात काम कर कर रहे थे।

सैंपलों की जांच के दौरान लैब में कार्यरत साइंटिस्ट, लैब टेक्नीशियन और माइक्रोबायोलॉजिस्ट सहित कुल आठ लोग संक्रमित भी हो चुके हैं। इसके बावजूद यहां की टीम पूरी तत्परता और समर्पण से सैंपलों की जांच में लगी हुई है। मात्र 22 सैंपलों की जांच से शुरू रायपुर मेडिकल कॉलेज के इस लैब में अभी रोजाना 1500 सैंपलों की जांच हो रही है। अभी यहां रायपुर, धमतरी, बलौदाबाजार और गरियाबंद से प्राप्त सैंपलों की आरटीपीसीआर जांच की जा रही है।