राजपुरा. शंभू मोर्चे पर धरने पर बैठे किसानों से स्थानीय लोगों द्वारा रास्ता मांगने को लेकर विवाद हो गया. किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि शंभू बॉर्डर और अन्य बार्डरों पर किसान संगठन शांतिपूर्ण तरीके से बेठे हैं. लेकिन, इस मोर्चे पर जो लोग पहुंचे हैं वे भाजपा, आप और माइनिंग माफिया से संबंध रखने वाले लोग हैं. जिस तरह भाजपा नेताओं की ओर से कहा जाता था कि 4 जून के बाद जवाब दिया जाएगा लेकिन भले ही 4 तरीके निकल चुकी है अब उनकी ओर से मोर्चे पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है.

उन्होंने कहा कि पिछले आंदोलन के दौरान भी इस तरह की घटनाएं सामने आई थी जहां 100 से ज्यादा लोग इकट्ठा होकर सिंधु बॉर्डर पर पहुंचे थे. पंधेर ने कहा कि वह ऐसी घटनाओं से डरने वाले नहीं है और ईंट का जवाब पत्थर से देंगे. उन्होंने किसानों को शांति बनाए रखने की अपील की. बॉर्डर पर पहुंचे लोगों का कहना है कि वे आसपास के गांवों के लोग हैं. शंभू बॉर्डर पर दोपहिया वाहनों की क्रॉसिंग को लेकर पहले भी मांग पत्र दिया था, जिस पर आज तक किसान नेताओं ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. इसलिए आज सभी गांवों के लोगों एकजुट होकर शंभू बॉर्डर खोलने की मांग लेकर पहुंचे थे. वहीं, स्थानीय लोगों से जब बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि आसपास के 25 से 30 गांव जो धरने से प्रभावित हुए हैं

Shambhu border

आने वाले समय में बारिश का सीजन शुरू हो जाएगा. दरिया उफान पर होगा और जो रास्ते बनाए गए हैं वे पानी में डूब जाएंगे. ऐसे में जिन बच्चों के पेपर आने वाले हैं, उनको दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. किसान इन समस्याओं को भी ध्यान में रखें. लोगों की ओर से कहा गया कि पहले भी किसानों को मांग पत्र दिया गया था. उनसे 10 फीट तक का रास्ता मांगा गया था, लेकिन अब किसानों से विनती की गई है कि उन्हें केवल 5 फीट ही रास्ता दे दिया जाए क्योंकि आसपास के लोगों को कई किलोमीटर का रास्ता तय कर अपनी मंजिल की तरफ जाना पड़ता है. लोगों ने कहा कि जिस दिन धरना हुआ था उस दिन सबसे पहले शुरू स्थानीय लोग सबसे आगे मौजूद थे, अब उन्हें पार्टियों से जोड़ा जाना गलत है.