पटना। राजधानी स्थित बिहार कांग्रेस कार्यालय में आयोजित शहीदों के सम्मान समारोह का माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया जब पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच मंच पर बैठने को लेकर विवाद छिड़ गया। यह कार्यक्रम शहीदों और उनके परिजनों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था,लेकिन यह आयोजन पार्टी कार्यकर्ताओं की आपसी भिड़ंत के कारण रणक्षेत्र में बदलने से बाल-बाल बचा।

विवाद शुरू हो गया

कार्यक्रम में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और विधायक शकील अहमद खान को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। मंच के पास की सीटें शहीदों के परिजनों के लिए आरक्षित थीं, लेकिन जैसे ही कार्यक्रम शुरू हुआ। कांग्रेस के कई कार्यकर्ता मंच के पास बैठने की जिद करने लगे। आयोजकों द्वारा उन्हें पीछे हटने और निर्धारित स्थान पर बैठने के लिए कहा गया तो विवाद शुरू हो गया।

मामला हाथापाई तक पहुंचा

कार्यकर्ताओं के बीच पहले विवाद और तू-तू मैं-मैं हुई, लेकिन जल्द ही मामला हाथापाई तक पहुंच गया। अफसोसजनक बात यह रही कि पूरे घटनाक्रम के दौरान प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और विधायक शकील अहमद मंच पर मूकदर्शक बने रहे। उन्होंने कई बार कार्यकर्ताओं को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं मानी।

कार्यक्रम की गरिमा पर सवाल

अंत में, शहीदों के परिजनों और सुरक्षा बलों के जवानों को पीछे बैठाया गया, जिससे कार्यक्रम की गरिमा पर सवाल उठने लगे हैं। यह घटना कांग्रेस के संगठनात्मक अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती है, खासकर तब जब मंच पर प्रदेश के वरिष्ठ नेता मौजूद हों और फिर भी हालात बिगड़ते जाएं।