राजनादगांव। जिला मुख्यालय स्थित दिग्विजय महाविद्यालय में एक तरफ जहां विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जा रहा है, वहीं प्रवेश के दौरान एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बीच जमकर विवाद हुआ. गाली गलौज तक की स्थिति निर्मित हो गई. एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाए गए.

महाविद्यालय प्रबंधन को भी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. विवाद को शांत कराने के लिए पुलिस के आला अधिकारियों को बुलाया गया, तब जाकर मामला शांत हुआ. वहीं इस पूरे मामले में एक दूसरे के खिलाफ एनएसयूआई और अखिल भारतिय विद्यार्थी परिषद ने बसंतपुर थाने में शिकायत दर्ज करवाई है.

जिले के महाविद्यालय में बीए, बी बीकॉम बीएससी प्रथम वर्ष में विद्यार्थियों को मेरिट के आधार पर दाखिला दिया जा रहा है. दिग्विजय महाविद्यालय में 1800 से अधिक सर्वाधिक सीट होने के बाद भी 70% से कम अंक वालों को दाखिले के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. 3-3 लिस्ट जारी हो जाने के बाद विद्यार्थियों को दाखिले के लिए काफी परेशान होना पड़ रहा है.

विद्यार्थियों को दाखिला दिलाने के लिए एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विद्यार्थी अपना दबाव बनाए हुए हैं. विद्यार्थियों को प्रवेश दिलाने के दौरान एनएसयूआई और अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों के बीच जमकर विवाद होने के कारण महाविद्यालय में अव्यवस्था की स्थिति निर्मित हो गई.

दोनों संगठनों के पदाधिकारियों को शांत कराने के लिए महाविद्यालय प्रबंधन के भी पसीने छूट गए. विवाद बढ़ता देख शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल को बुलाया गया. पुलिस के आला अधिकारियों के पहुंचने के बाद ही मामला शांत हुआ.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संयोजक चिंटू सोनकर का कहना है कि दिग्विजय महाविद्यालय में प्रवेश के दौरान एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने ना केवल बीएससी विभाग के टेबल में बैठकर प्राध्यापकों के साथ दुर्व्यवहार किया. जब इसका विरोध जताया गया तो उन्होंने सत्ता का रौब दिखाते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ बौखलाहट में आकर मारपीट की, जिससे विवाद की स्थिति निर्मित हुई है.

वहीं एनएसयूआई के प्रदेश संयुक्त सचिव राजा यादव का कहना है कि दिग्विजय महाविद्यालय में काउंसलिंग के दौरान एनएसयूआई के पदाधिकारी मदद कर रहे थे. इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों ने जानबूझकर मारपीट की घटना को अंजाम देने लगे, जिसके विरोध किया गया.

मारपीट करने वालों के खिलाफ प्रचार्य से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है. साथ ही कहा कि दिग्विजय महाविद्यालय में प्रवेश के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने ना केवल दुर्व्यवहार किया, बल्कि कार्यकर्ताओं के साथ गाली गलौज कर मारपीट की घटना को भी अंजाम दिया है. एनएसयूआई के कार्यकर्ता प्रवेश के दौरान छात्रों को सिर्फ मदद ही कर रहे थे.

मामले में शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर केएल टांडेकर ने कहा कि एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों और सदस्यों के बीच प्रवेश को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हुई थी. दोनों संगठनों को शांति व्यवस्था बनाए रखने की समझाइश दी गई. प्रवेश के दौरान महाविद्यालय के भीतर विद्यार्थी संगठनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है.

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