शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश में मतदान की तारीख नजदीक आते-आते सियासी पारा गर्म होता जा रहा है। कुछ दिनों पहले तक प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन गठबंधन के पहले ही दोनों पार्टियों में कलह होनी शुरू हो गई है। हाल ही में पीसीसी चीफ कमलनाथ ने एक बयान दिया था कि I.N.D.I.A. गठबंधन सिर्फ केंद्र तक सीमित है। इस पर अखिलेश यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर मुझे पहले पता होता कि गठबंधन सिर्फ केंद्र तक सीमित है तो मैं अपने नेताओं को कांग्रेस के पास कभी नहीं भेजता।
अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर मुझे पता होता कि गठबंधन प्रदेश स्तर पर नहीं है तो मैं कभी अपने नेताओं को दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के पास नहीं भेजता। मुझे ये भरोसा होता कि कांग्रेस पार्टी के लोग धोखा देंगे तो मैं उनकी बात का भरोसा नहीं करता। मुझे बताया गया कि 6 सीटों पर आपके लिए सोचा गया है, विचार किया गया है। और उस पर तय करेंगे। सिटिंग MLA की जगह आप सीट दे दोगे और उम्मीद करोगे कि मैं आपके बारे में सच बोलूं।
उन्होंने आगे कहा कि अगर हम उन मीटिंग में बैठे हैं तो हम ही कन्फ्यूज रहे होंगे। कांग्रेस के नेताओं ने हमारे साथ मीटिंग रखी। हमने उसमें अपनी पूरी परफॉर्मेंस बताई कि किन सीट पर हमारे नेता जीत के आए हैं। लेकिन जब रिजल्ट आया, सीटें घोषित की गई। तो समाजवादी पार्टी शून्य रही। अगर ये मुझे पहले पता होता तो हमारी पार्टी के लोग कभी मिलने नहीं जाते।
ये तो गठबंधन नहीं ठगबंधन निकला
बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने इस मुद्दे पर चुटकी लेते हुए कहा कि ये तो गठबंधन नहीं ठगबंधन निकला। सोशल मीडिया पर बीजेपी नेता ने लिखा- ‘गठबंधन नहीं ये तो ठगबंधन निकला! ठगे जाने की शुरुआत समाजवादी पार्टी से हुई। मध्यप्रदेश में कमलनाथ जी ने अखिलेश यादव के साथ छल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सूची भी ले ली और फिर ठेंगा भी दिखा दिया।बेचारे अखिलेश यादव को कांग्रेस की मोहब्बत वाली दुकान से सिर्फ मिला तो केवल धोखा।लेकिन ये भी गौर करने वाली बात है कि अखिलेश यादव ने कांग्रेस को उसकी हैसियत बता दी!’
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उन्होंने कहा, घमंडीया गठबंधन केंद्र में बना था। इसका मुख्य उद्देश्य ही अपवित्र था। इसका उद्देश्य सनातन का समापन था। प्रदेश में भी कांग्रेस और अन्य गठबंधन की राजनीति नहीं चलेगी। आप पार्टी, सपा समेत अन्य दलों के भरोसे कांग्रेस बेसहारा हुई। प्रदेश हो या केंद्र धर्म विरोधी गठबंधन की राजनीति नहीं चलेगी।
कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अवनीश बुंदेला ने कहा, कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम है। मध्य प्रदेश में पिछला चुनाव भी कांग्रेस ने अकेले लड़ा था। भविष्य के गर्द में क्या छुपा है यह कोई नहीं जानता। मामले पर निर्णय केंद्रीय नेतृत्व लेगा। प्रदेश के चुनाव में केंद्रीय गठबंधन का प्रभाव नहीं।
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