वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। बिलासपुर में कांग्रेस के भीतर मचे घमासान और गतिरोध के बीच PCC की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी आज बिलासपुर पहुंची. यहां कमेटी के वरिष्ठ कांग्रेस नेता धनेंद्र साहू, अरुण वोरा और महेंद्र छाबड़ा ने शिकायतों को लेकर पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं से वन-टू-वन चर्चा की और की गई कार्रवाई का फैक्ट चेक किया.

इस दौरान जिला कांग्रेस कमेटी शहर और ग्रामीण द्वारा की गई कार्रवाई से प्रभावित सभी नेता और शिकायतकर्ता फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के समक्ष उपस्थित हुए. उन्होंने वन-टू-वन कर अपनी शिकायतें दर्ज कराईं और निर्दोष होने के पक्ष में साक्ष्य प्रस्तुत किए. बताया जा रहा है कि कमेटी ने जांच के दौरान शिकायतों और कार्रवाई के आधार की भी बारीकी से समीक्षा की और संगठन के अधिकारों का भी फैक्ट चेक किया. प्रारंभिक जांच में ज्यादातर शिकायतों और कार्रवाई के पीछे फोटो, वीडियो साक्ष्य को आधार बनाया गया है. हालांकि, जांच में इन तमाम साक्ष्यों को लेकर भी अलग- अलग बातें सामने आई है.

निष्कासित नेताओं ने इस पर अपना पक्ष रखते हुए खुद को पार्टी के प्रति निष्ठावान बताया और संगठन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. कुछ निष्कासित नेताओं ने जहां कार्रवाई को व्यक्तिगत द्वेष से जोड़ते हुए अपना पक्ष रखा है, तो कुछ ने अब तक के पार्टी में अपनी निष्ठा को आधार बनाया है. बताया जा रहा है, नेताओं ने इस दौरान संगठन के नेताओं पर मनमानी के भी आरोप लगाए हैं. हालांकि, फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने तमाम शिकायतों का फैक्ट फाइल तैयार कर लिया है. कमेटी आगे रिपोर्ट बनाकर पीसीसी को सौंपेगी, जिसके बाद रिपोर्ट के आधार पर आगे निर्णय लिया जाएगा.

गौरतलब है कि जिला कांग्रेस कमेटी शहर और ग्रामीण ने पीसीसी प्रवक्ता, प्रदेश सचिव व प्रदेश महिला कांग्रेस महासचिव के निष्कासन की कार्रवाई और कांग्रेस विधायक के निष्कासन की अनुशंसा की है. जिसे लेकर पीसीसी की गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी जांच कर रही है.