शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज नगर निगम परिषद की बैठक चल रही है। जिसमें जमकर हंगामा हुआ। इस बैठक में मार्ग व स्थान का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा गया है। शहर के बस स्टॉप और सड़क नाम बदला जा सकता है। शहर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस पार्षद दल ने रणनीति बनाई है। विपक्ष 15 मुद्दों पर शहर सरकार को घेरने की तैयारी में है।
नगर निगम परिषद की बैठक में जमकर हंगामा हो रहा है। राजा भोज और रानी कमलापति की मूर्ति के रंग को लेकर हंगामे का असर दिखा है। वहीं एनजीटी द्वारा लगाए गए एक करोड़ के जुर्माने पर विपक्ष ने परिषद की बैठक में जमकर हंगामा किया। मामले में विपक्ष दोषियों पर कार्यवाही की करने की मांग कर रहा है। कांग्रेसी पार्षदों ने आसंदी को घेरा।
भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक में ISBT स्थित सभाकक्ष में बैठक हो रही है। बैठक में मार्ग व स्थान का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा गया हैं। विपक्षी पार्षद उखड़ी सड़कें, नालों की सफाई, वर्षा में जलभराव सम्रग आईडी घोटाला जैसे मुद्दों को लेकर हंगामा किया।
परिषद की बैठक में भोपाल महापौर मलती राय और निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी के बीच बहस हुई। जिसके बाद आधे घण्टे के लिए बैठक को स्थगित कर दिया गया था। एनजीटी मामले में महापौर को जवाब देने को कहा तो बहस इतनी बढ़ गई की बैठक को स्थगित कर दिया गया। वहीं महापौर ने कहा कि, जवाब पार्षद मनोज राठौड़ द्वारा दिया जाएगा। इसके बाद अध्यक्ष महापौर द्वारा जवाब देने पर अड़े महापौर को जवाब तैयार करने के लिए 30 मिनट दिए गए।
महापौर और निगम अध्यक्ष दोनों के बीच वर्चस्व की जंग हुई। पिछले कई दिनों से सियासी विवाद चल रहा है। बता दें कि, मंत्री विश्वास सारंग की महापौर खास मानी जाती है। तो संघ के खास है निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी।
परिषद की बैठक महापौर और पार्षदों की आपसी गुटबाजी की भेंट चढ़ गई। महापौर मालती राय, अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी सहित कई पार्षद परिषद की बैठक छोड़कर चले गए। वहीं नगर निगम के अधिकारियों के भ्रष्टाचार के मामले में परिषद ने कोई फैसला नहीं लिया। इंजीनियर और नगर निगम कमिश्नर के कार्यालय पर पार्षदों ने सवाल उठाए थे। परिषद की बैठक में सबसे अधिक महापौर के रवैया पर विवाद रहा।
वहीं बीजेपी पार्षद देवेंद्र भार्गव ने कहा कि, बीजेपी के पार्षद में निर्माणाधीन नालियों को लेकर सवाल उठाए। कर्मचारी कटोरा लेकर भीख मांग रहे है और निगम के अधिकारी सुन नहीं रहे है। इसके साथ ही उन्होंने कहा बीजेपी पार्षद ने भ्रष्टाचार को उजागर किया हैं। नाले नालियों के घटिया निर्माण का मुद्दा परिषद में उठाया हैं। उन्होंने कहा मामले पर जांच कमेटी गठित होना चाहिए।
इसके साथ ही बीजेपी पार्षद देवेंद्र भार्गव ने आरोप लगाकर परिषद से वाकआउट किया। देवेंद्र भार्गव को विपक्ष का साथ भी मिला। निगम अध्यक्ष ने आसंदी से कमेटी का ऐलान किया हैं। वहीं निगम अध्यक्ष ने कहा कि, भार्गव ने जो आरोप लगाया हैं उसकी जांच होगी।
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