Mumbai Halal Township Plan: मुंबई से लगभग 70 किलोमीटर दूर कर्जत में बन रही एक टाउनशिप को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस टाउनशिप को ‘हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप’ (Halal Lifestyle Township) नाम से प्रमोट किया जा रहा है। दावा है कि यह केवल मुस्लिम समुदाय के लिए बनाई जा रही है। इस टाउनशिप का विज्ञापन भी सामने आया है। विज्ञापन में दिख रही महिला ने कई बार हलाल टाउनशिप शब्द का जिक्र किया है। साथ ही विज्ञापन में कई ऐसे शब्द का इस्तेमाल किया है, जो भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए किसी भी सूरत में सही नहीं है।

‘हलाल लाइफस्टाइल टाउनशिप’ का मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) तक पहुंच गया है। धार्मिक आधार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत दर्ज कराई गई है। अब पूरे मामले में आयोग ने महाराष्ट्र सरकार को दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

मुंबई के कर्जत में हलाल टाउनशिप परियोजना से जुड़े एक विज्ञापन पर कई लोग आक्रोशित हैं। इस परियोजना को विभाजनकारी बताया जा रहा है। शिकायतकर्ता ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को RERA (मुंबई) ने मंजूरी दी है। इस तरह की नाम वाली सोसाइटी को किया अप्रूवल दिया गया। इस तरह की सोसाइटी समाज में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देती हैं और इससे सुरक्षा व सामाजिक सौहार्द दोनों को खतरा है। यह टाउनशिप परियोजना मुसलमानों के लिए हलाल लाइफस्टाइल देने की बात कर रही है। इस पर विरोध व्यक्त करते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के मेंबर प्रियांक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। इस पोस्ट में उन्होंने हलाल टाउनशिप वाला विज्ञापन का वीडियो भी डाला है। 

हलाल टाउनशिप परियोजना में किए गए हैं ये बड़े दावे?
हलाल टाउनशिप वाले वीडियो में एक महिला हिजाब पहनी हुई है। वह अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहती है कि जब इस समाज में आपको अपने परिवार के सिद्धांतों से समझौता करने के लिए मजबूर किया जाता है, तो क्या यह सही है? महिला आगे कहती है कि ‘सुकून एम्पायर’ में, आपको हलाल माहौल में बच्चे सुरक्षित रूप से बड़े होते दिखते हैं। साथ ही बुजुर्गों का प्यार और देखभाल मिलता है। इस विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर जोरदार बहस छिड़ गई है। लोग इस टाउनशिप परियोजना पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

आयोग की सख्त टिप्पणी

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने साफ कहा कि धर्म के आधार पर किसी भी आवासीय टाउनशिप को अनुमति देना देश की एकता, अखंडता और संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है। अब सबकी निगाहें महाराष्ट्र सरकार की रिपोर्ट और आगे की कार्रवाई पर टिकी हैं।

NHRC ने महाराष्ट्र सरकार मांगा जवाब

NHRC ने शिकायत को गंभीर मानते हुए महाराष्ट्र सरकार के मुख्य सचिव से 2 हफ्ते के भीतर एक्शन टेकन रिपोर्ट (ATR) मांगी है। साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि सरकार बताए कि किस प्रावधान के तहत RERA ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी। कमीशन ने साफ किया है कि धर्म के आधार पर ऐसी किसी भी कॉलोनी को लाइसेंस देना देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता के खिलाफ है।

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