Rudraksh Dharan: रुद्राक्ष एक विशेष प्रकार के वृक्ष का बीज है. ये पेड़ आमतौर पर पहाड़ी क्षेत्रों में, विशेषकर हिमालय में, एक निश्चित ऊंचाई पर पाए जाते हैं. रुद्राक्ष धारण करने के अनेक लाभ हैं. रुद्राक्ष एक बहुत अच्छा आधार है जो आपकी ऊर्जा का सुरक्षा कवच बनाता है. रुद्राक्ष न केवल भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है बल्कि इसे पहनने वालों को कई आध्यात्मिक लाभ भी मिलते हैं. रुद्राक्ष की ऊर्जा कई ग्रहों से भी जुड़ी होती है और इसीलिए यह ग्रह दोषों को भी दूर करता है.
एकमुखी सूर्य
यदि कुंडली में सूर्य कमजोर हो और आत्मसम्मान की कमी हो तो व्यक्ति को एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. यह रुद्राक्ष आत्मविश्वास बढ़ाता है, नेतृत्व कौशल में सुधार करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है.
दो मुँह वाला चाँद
यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, मानसिक तनाव या अस्थिरता हो तो दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. इससे मानसिक संतुलन बढ़ता है और मानसिक समस्याएं दूर होती हैं.
तीन सिर वाला मंगल
यदि कुंडली में मंगल कमजोर हो, रक्त संबंधी परेशानियां हों या व्यक्ति बहुत अधिक क्रोधी हो तो व्यक्ति को तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. इससे ऊर्जा, साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है.
चार सिर वाला बुध
यदि कुंडली में बुध कमजोर हो और पढ़ाई या प्रोफेशन में बाधाएं आ रही हों तो चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. इससे बुद्धि और स्मरण शक्ति में सुधार होता है.
पांच-दस मुख वाले गुरु
यदि कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो और शिक्षा या बृहस्पति से संबंधित समस्याएं हों तो व्यक्ति को पांच मुखी या दस मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. इससे ज्ञान, आध्यात्मिकता और सकारात्मकता बढ़ती है.
छह या तेरह मुखों वाला शुक्र (Rudraksh Dharan)
यदि कुंडली में शुक्र कमजोर हो, वैवाहिक समस्याएं हों या भौतिक अभाव हों तो व्यक्ति को छह मुखी रुद्राक्ष या तेरह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. इससे प्रेम, शारीरिक आराम और आकर्षण में सुधार होता है.
सात या चौदह सिर वाला शनि
यदि कुंडली में शनि कमजोर हो, साढ़ेसाती की स्थिति हो, कर्ज हो या शारीरिक परेशानियां हों तो सात मुखी या चौदह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. इससे धन और समृद्धि से संबंधित बाधाएं दूर होती हैं.
आठ मुख वाला राहु (Rudraksh Dharan)
यदि कुंडली में राहु कमजोर हो या राहु की दशा हो तो आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. यह मानसिक स्पष्टता, भ्रम से मुक्ति और आध्यात्मिक जागृति प्रदान करता है.
नौ मुखी केतु
यदि कुंडली में केतु कमजोर हो या केतु की महादशा चल रही हो तो नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. यह आध्यात्मिक विकास में मदद करता है, बाधाओं को दूर करता है और दुर्घटनाओं से बचाता है.
दस मुखी रुद्राक्ष (Rudraksh Dharan)
यदि कुंडली में किसी ग्रह की स्थिति बहुत खराब है तो आप दस मुखी रुद्राक्ष पहन सकते हैं. इससे सभी ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम होता है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.
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