रायपुर। सदन में गूंजा अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति, वेतन संबंधी समस्या और 14580 नियमित शिक्षकों की भर्ती में देरी का मामला विपक्ष ने जोर-शोर से उठाया. इस पर मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया.

प्रश्नकाल में बीजेपी विधायक कृष्णमूर्ति बांधी ने विद्या मितानों की नियुक्ति और वेतन का मुद्दा उठाया. जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि विद्या मितान कोई नहीं है, अतिथि शिक्षक हैं, अतिथि शिक्षक की व्यवस्था सुदूर इलाकों के लिए की गई थी, अतिथि शिक्षक की नियुक्ति शासन द्वारा नहीं की गई है, शाला प्रबंधन की ओर से यह व्यवस्था की गई. 2220 अतिथि शिक्षकों की संख्या है, अतिथि शिक्षक अंतरिम व्यवस्था है.

बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा 14580 शिक्षकों की नियुक्ति कब होगी, 2 साल हो गए विज्ञापन निकले, नियुक्ति क्यों अटकी है? बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने पूछा कि अबतक 14580 शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं हुई? जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि अभी नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है, 9 मार्च 2019 को विज्ञापन जारी किया गया तबसे प्रक्रिया चल रही है, कोरोना के कारण प्रक्रिया धीमी हुई, सत्यापन की प्रक्रिया के बाद नियुक्ति होगी.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि, जिन्हें नियुक्ति दी गई थी, उन्हें वेतन नहीं दिया गया? जब आदेश में यह कहा गया था कि जब तक नियमित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होगी, उनकी सेवा ली जाएगी, फिर उन्हें वेतन क्यों नहीं दिया गया? प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि कोरोना की वजह से आफ लाइन शिक्षा बंद है. अभी स्कूल बंद हैं. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि वेतन देंगे या नहीं? प्रेमसाय सिंह का स्पष्ट जवाब नहीं आने से विपक्ष ने हंगामा मचाया, जिसके बाद वॉकआउट किया.

छात्रावास अधीक्षक की शिकायत की होगी जांच

इसके पहले विधानसभा में प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक बालक बालिका छात्रावास में कार्यरत रसोइयों को निकाले जाने का मामला उठा. बीजेपी विधायक इंदू बंजारे के सवाल पर आदिम जाति विकास मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि लॉकडाउन के समय से आश्रम और छात्रावास बंद हैं. फिलहाल उन्हें रखा जाना यह सम्भव नहीं है. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर और शिव रतन शर्मा ने कहा कि छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप विधायक ने लगाया है. विधायक की मौजूदगी में जांच होगी? मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा, विधायक की मौजूदगी में ही शिकायतों की जांच कराई जाएगी.

मंडल संयोजक के चयन पर उठे सवाल

विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक व पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने मंडल संयोजक के पद पर चयन के लिए आयोजित विभागीय परीक्षा का मुद्दा उठाया. मोहन मरकाम ने पूछा कि आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत मंडल संयोजक के पद पर चयन के लिए वर्तमान विभागीय परीक्षा के पूर्व विगत विभागीय परीक्षा कब आयोजित की गई? कितने अभ्यर्थी शामिल हुए? कितने अभ्यर्थियों का चयन हुआ? इस पद पर विभागीय भर्ती के लिए चयन के क्या नियम हैं?

कांग्रेस विधायक ने मंत्री पर साधा निशाना

आदिम जाति विकास मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने जानकारी दी कि आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत मंडल संयोजक के पद पर चयन के लिए विभागीय परीक्षा के पहले परीक्षा 31-5-2012 और 22-11-2011 को आयोजित की गई थी. इसमें क्रमशः 93 और 27 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. इस परीक्षा में क्रमशः 35 और 10 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था. इस पद पर विभाग की भर्ती के लिए छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति विकास अधीनस्थ सेवा भर्ती नियम 2011 प्रचलन में थे. इसी दौरान कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने कहा- मंत्री अपने विभाग को नहीं समझ पा रहे हैं.