रायपुर। विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव में ज़िंदा किसान की मृत बताए जाने पर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने हो गए. संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने इसे दुर्भाग्यजनक बताते हुए विपक्ष से खेद जताने को कहा. वहीं विपक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री को सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए माफी मांगे बिना सदन की कार्यवाही नहीं होने की बात कही.

दरअसल, विपक्ष के स्थगन प्रस्ताव के दौरान कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने आपत्ति जताते हुए कहा विपक्षी सदस्य बलरामपुर के जिस किसान संजय सिंह को मरा हुआ बता रहे हैं, वह ज़िंदा है, वह मेरा कार्यकर्ता है. इसके साथ ही सदन में हंगामा मच गया. पक्ष-विपक्ष आमने-सामने हो गए. आसंदी को पांच मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.

सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री ने सदन को गुमराह किया है.  हमने स्थगन प्रस्ताव में ये कहा है कि रेंजर की प्रताड़ना से तंग आकर संजय सिंह ने ज़हर पीकर आत्महत्या की कोशिश की. संसदीय कार्यमंत्री ने सदन को गुमराह किया. अजय चंद्राकर ने कहा कि कृषि मंत्री किसानों के मुद्दे पर कितने गम्भीर है. उन्होंने कहा कि जब तक कृषि मंत्री इस सदन से माफ़ी नहीं माँगते तब तक सदन नहीं चलेगा.

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ये संसदीय कार्य व्यवस्था की अवहेलना है. विपक्ष अपनी जानकारी के आधार पर बात रखता है, लेकिन सत्तापक्ष के पास पूरी जानकारी होती है. फिर भी कृषि मंत्री सदन को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की विधानसभा में मुझे भी 30 साल हो गए, लेकिन संसदीय इतिहास का इससे ज़्यादा काला दिन नहीं होगा. यह मामला हम सत्तापक्ष के विवेक पर छोड़ते है कि वह माफ़ी माँगते है या नहीं? वहीं आसंदी ने सदन में कभी-कभी ऐसी ग़लतफ़हमियाँ होने की बात कहते हुए स्थिति को संभालने का प्रयास किया.