शिवपुराण में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. यदि नियमित रूप से इसकी पूजा की जाए तो भगवान बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं. कुछ लोग शिवलिंग को घर में भी रखते हैं. लेकिन इसे घर में रखने के कुछ नियम हैं, जिनके बारे में अक्सर लोगों को जानकारी नहीं है. घर में शिवलिंग को स्थापित करने को लेकर अक्सर लोग दुविधा में रहते हैं. कुछ कहते हैं शिवलिंग केवल मंदिर में ही स्थापित होना चाहिये तो कुछ ये मानते हैं कि इसे घर के मंदिर में भी रखा जा सकता है.

घर में कभी भी बड़ा शिवलिंग नहीं रखना चाहिए. इसका आकार आपके हाथ के अंगूठे केऊपर वाले पोर से ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए.

यदि घर में शिवलिंग रखा है, तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा न करवाएं. लेकिन नियमित रूप से उसकी पूजा और अभिषेक जरूर करें.

शिवपुराण में कहा गया है कि घर में कभी एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखे जाने चाहिए. इसलिए अगर आपके घर में एक से ज्यादा हैं तो इसे फौरन हटा दें. किसी ज्योतिषी से सलाह लेकर इसे किसी मंदिर में पहुंचा दें या नदी में प्रवाहित कर दें.

शिवलिंग की साफ-सफाई का विशेष खयाल रखना चाहिए. एक बर्तन में शुद्ध जल भर कर उसमें शिवलिंग रखें और इसका नियमित रूप से अभिषेक करें.

यदि घर में धातु का शिवलिंग है तो ये सिर्फ सोने, चांदी या ताम्बे से बना होना चाहिए. इस पर एक नाग भी लिपटा रहना चाहिए.

नर्मदा नदी के पत्थर से बना शिवलिंग काफी शुभ माना जाता है. इसके अलावा पारद शिवलिंग को घर में रखना भी शुभ होता है.

जिस जगह शिवलिंग रखा हो, उसके आसपास शिव जी के परिवार का एक फोटो जरूर लगवाएं. शिवलिंग को कभी भी अकेला न रखें.

शिवलिंग हो या शिव की कोई अन्य तस्वीर, हमेशा याद रखें कि शिव जी पर केतकी के फूल, तुलसी, सिंदूर और हल्दी कभी नहीं चढ़ानी चाहिए.

घर में शिवलिंग को हमेशा पूजा के स्थान पर ही रखना चाहिए. किसी दंपति के बेडरूम में रखने की गलती न करें. साथ ही ये स्थान खुला होना चाहिए. इससे उस स्थान पर सकारात्मक असर पड़ता है.

माना जाता है कि शिवलिंग से हर वक्त ऊर्जा का संचार होता है इसलिए शिवलिंग पर हमेशा जलधारा रखनी चाहिए. इससे ऊर्जा शांत होती है.