फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिजिट मैक्रों पिछले कुछ महीनों से लगातार वैश्विक स्तर पर सुर्खियां बटोर रहे हैं। इस जोड़े के बीच में उम्र का अंतर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचता है। कुछ महीने पहले प्लेन से उनका एक थप्पड़ मारने वाला वीडियो वायरल हो गया था, जिस को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी टिप्पणी की थी। अब 72 वर्षीय ब्रिजिट मैक्रों ने दो महिलाओं के ऊपर फ्रांस की सर्वोच्च अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। यह दोनों महिलाएं लगातार इस बात का दावा करती रही हैं कि ब्रिजिट पहले एक पुरुष हुआ करती थी, बाद में लिंग परिवर्तन कराकर एक लड़की बनीं।
सरकार कर रही JUNK FOOD पर चेतावनी अनिवार्य करने की तैयारी ; PIB ने फैक्ट चेक में बताई इस दावे की सच्चाई
पेरिस की अदालत ने फैसला पलटा
ब्रिजिट मैक्रों ने इन दोनों महिलाओं के खिलाफ पहले निचली अदालत में मुकदमा किया था, जिसके बाद उन्हें सजा भी सुनाई गई थी। लेकिन पेरिस की अदालत ने उन दोनों के खिलाफ सुनाई गई सजा को माफ कर दिया था। इसके बाद मैक्रों ने सर्वोच्च अदालत में अपील की है। दरअसल, अमंडाइन रॉय और नताशा रे नामक दोनों महिलाओं ने एक यूट्यूब पर पोस्ट किए गए वीडियो में दावा किया था कि ब्रिजिट मैक्रों असलियत में जीन-मिशेल ट्रोग्नेक्स नामक एक पुरुष थे। बाद में उन्होंने लिंग परिवर्तन करवाकर ब्रिजिट के रूप में अपनी नई जिंदगी शुरू की और फिर इमैनुएल मैक्रों से शादी कर ली। इसके अलावा इस वीडियो में उन्होंने ब्रिजिट को लेकर और भी कई दावे किए थे।
पशु प्रेमी ने SC में याचिका दायर करते हुए कहा- मोहल्ले वाले आवारा कुत्तों को खाना नहीं देने देते… तो कोर्ट बोला- “आप उन्हें अपने घर में खाना क्यों नहीं देते?”
क्या किया गया था दावा ?
यह मामला दिसंबर 2021 का है, जब अमंडाइन रॉय नाम की महिला यूट्यूबर ने एक पत्रकार नताशा रे का इंटरव्यू किया। 4 घंटे के इस इंटरव्यू में नताशा ने दावा किया कि ब्रिगिट मैक्रों पुरुष हैं। नताश रे ने यह भी दावा किया कि उन्होंने इस जानकारी के लिए 3 साल तक रिसर्च की।

रे ने दावा कि जीन मिशेल ने लिंग परिवर्तन कराने के बाद इमैनुएल मैक्रों से शादी की थी। यह वीडियो वायरल हो गया और पूरी दुनिया में इसे लेकर कॉन्सपिरेसी थ्योरी फैलने लगी।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले विदेश मंत्री एस जयशंकर, दिया पीएम मोदी का संदेश
राष्ट्रपति मैक्रों ने अमेरिकी पत्रकार को नोटिस दिया
अमेरिका में भी यह मामला तेजी से फैला। दो ट्रम्प समर्थक पत्रकारों कैंडेस ओवेन्स और टकर कार्लसन ने इसे सबसे ज्यादा हवा दी। दोनों ने इससे जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। उन्होंने दावा करते हुए खहा कि यह मानव इतिहास का सबसे बड़ा राजनीतिक घोटाला है।
ओवेन्स ने दावा किया कि ब्रिगिट और उनके भाई जीन-मिशेल ट्रोग्नेक्स वास्तव में एक ही व्यक्ति हैं। यानी ब्रिगिट पहले जीन-मिशेल के नाम से एक पुरुष थीं और बाद में लिंग परिवर्तन कर महिला बनीं। ओवेन्स ने यहां तक कहा कि वह अपनी पूरी पेशेवर प्रतिष्ठा इस बात पर दांव पर लगा देंगी कि ब्रिगिट मैक्रों वास्तव में पुरुष हैं।
इन दावों के खिलाफ ब्रिगिट मैक्रों की कानूनी टीम ने प्रतिक्रिया दी। जनवरी 2025 में ओवेन्स ने एक वीडियो में कहा कि उन्हें फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों के वकीलों की ओर से कानूनी नोटिस मिला है। उस नोटिस में साफ कहा गया था कि ब्रिगिट मैक्रों को अपनी महिला होने का प्रमाण किसी को देने की जरूरत नहीं है और ओवेन्स का व्यवहार अपमानजनक है।
फिर भी, ओवेन्स इस पूरे अभियान से पीछे नहीं हटीं। उन्होंने यूट्यूब पर “Becoming Brigitte” नाम की एक वीडियो सीरीज चलाई, जिसमें उन्होंने बार-बार ब्रिगिट मैक्रों की लिंग पहचान पर सवाल उठाए हैं।
Shubhanshu Shukla Return LIVE : ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकले शुभांशु शुक्ला, चेहरे पर दिखी गर्व की मुस्कान.. देखें पहली तस्वीर
नताचा रे ने रूस में मांगी थी शरण
फ्रांसीसी पत्राकर नताचा रे 2017 से ब्रिगिट मैक्रों के पुरुष होने का दावा कर रही हैं। इस साल की शुरुआत में उन्होंने रूस में राजनीतिक शरण मांगी थी।
रे और उनके वकील फ्रांस्वा डांगलहंट ने रूसी मीडिया को बताया कि उन्हें फ्रांस में सताया जा रहा है, और वे रूस को एक महान लोकतंत्र मानती हैं जहां पर अभिव्यक्ति की आजादी की रक्षा की जाती है।
रे ने फ्रांस सरकार पर अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने का आरोप लगाया। रे ने अपनी तुलना एडवर्ड स्नोडन से की थी, जिन्हें अमेरिका की खुफिया जानकारी लीक करने के बाद रूस में शरण मिली थी।

Shubhanshu Shukla Return: शुभांशु शुक्ला की घर वापसी पर पीएम मोदी की आई पहली प्रतिक्रिया, बोले- ‘मिशन -गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर’
दावे के बाद केस
बात बढ़ने के बाद ब्रिजिट ने तभी इन दोनों पर केस कर दिया था और फिर निचली अदालत ने दोनों महिलाओं के ऊपर 13 हजार यूरो का जुर्माना लगाया था, जिसमं 8000 ब्रिजिट को और 5000 उनके भाई को देने की बात कही गई थी। अब जबकि अदालत ने इस सजा को हटा दिया है तो मैंक्रों और उनके भाई ने सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक