रायपुर. मुझे लगता था कि सरकारी काम लेटलतीफी से होते हैं. जब मुझे पिता की मृत्यु के बाद जमीन अपने नाम करानी थी, तब मैं परेशान हो गया, लेकिन मुझे पता चला कि हर मंगलवार को मेरे गांव मदले में ग्रामीण सचिवालय के तहत शिविर आयोजित होती है तो मैंने वहां आवेदन दिया. 3 दिन में ही मेरा काम हो गया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को यह बात आनंद मानिकपुरी ने दुर्गुकोंदल भेंट मुलाकात कार्यक्रम में बताई.

गौरतलब है कि कांकेर जिले को डिजिटल गवर्नेंस पर उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित इलेट्स इनोवेशन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. कांकेर ग्रामीण सचिवालय के माध्यम से कांकेर के जिला प्रशासन ने प्रौद्योगिकी के अभिनव उपयोग के माध्यम से नागरिकों की शिकायतों का निवारण किया है और यह सुनिश्चित किया है कि विकास योजनाएं जिले के दूरस्थ कोनों तक पहुंचे और आगे बढ़ें.

ऐसे काम करता है कांकेर का ग्रामीण सचिवालय
जिला प्रशासन कांकेर ने माह जुलाई 2021 से ग्रामीण सचिवालय को सक्रिय किया. जिले के सभी ग्राम पंचायतों में नियमित रूप से निर्धारित दिवस को ‘पंचायत सचिवालय’ आयोजन किया जाता है. पंचायत सचिवालय में जाति, आय एवं निवास प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु पंजीयन, विवाह पंजीयन, अविवादित नामान्तरण, पेंशन, वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन का बैंक सखियों द्वारा मौके पर ही राशि वितरण, नए पेंशन प्रकरणों की स्वीकृति, गांव में हैंडपंप, बिजली से संबंधित शिकायतों का निराकरण किया जाता है.

योजनाओं की देते हैं जानकारी
ग्राम पंचायत में मनरेगा के कार्य एवं अन्य निर्माण कार्यों के मांगो का निराकरण, मनरेगा मजदूरी भुगतान का निराकरण, नये राशन कार्ड बनाना, राशन कार्ड में नए नामों को जोड़ना आदि काम किए जाते हैं. साथ ही शासन की योजनाओं की जानकारी एवं उससे संबंधित हितग्राहियों का चयन भी ग्रामीण सचिवालय में किया जा रहा है.

नियुक्त किए गए हैं नोडल अधिकारी
जिला प्रशासन द्वारा सभी ग्रामीण सचिवालय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जिनके द्वारा सतत् रूप से मॉनिटरिंग किया जाता है. संबंधित क्षेत्र के मैदानी स्तर के अधिकारी-कर्मचारी भी ग्रामीण सचिवालय में उपस्थित रहते हैं. सचिवालय में प्राप्त आवेदनों का मौके पर निराकरण किया जाता है.

मोबाइल एप्लिकेशन एप से भी समस्या का समाधान
ऐसे आवेदन जिनका निराकरण ग्रामीण सचिवालय स्तर पर नहीं किया जा सकता उन्हें मोबाईल एप्लिकेशन एप में एंट्री कर संबंधित विभाग को निराकरण के लिए भेजा जाता है. ग्रामीण सचिवालय के माध्यम से जिले में अब तक 17 हजार 325 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 15 हजार 1791 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है.