मॉस्को। प्रधानमंत्री मोदी के रुस दौरे में भारत और रुस के बीच कई समझौते हुए हैं. इसमें एस-400 डिफेंस सिस्टम का समझौता बेहद अहम माना जा रहा है. इस समझौते के तहत ये डील पक्की हो गई है. और जल्दी ही ये सिस्टम भारत को मिल जाएगा. खासकर पाकिस्तान और चीन से निपटने में ज़्यादा कारगर होगा.  ये डिफेंस सिस्टम एक साथ 36 मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है. खासकर पाकिस्तान और चीन से हमले की स्थिति में भारत इस सिस्टम का बेहतर इस्लेमाल कर सकेगा.

साल भर से चल रही थी इस डील पर बात

भारत और रूस के बीच मिसाइल डिफेंस सिस्टम को लेकर साल से ही बातचीत चल रही थी. समझा जा रहा है कि रूस की हामी के साथ ही यह डील अब पक्की हो गई है.
कैसे काम करता है एस-400 डिफेंस सिस्टम
  1. विमान भेदी मिसाइल है.
  2. यह रूस की नई वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का हिस्सा है, जो 2007 में रूसी सेना में तैनात की गई थी
  3. विमानों, क्रूज और बैलिस्टिक मिसाइलों तथा ज़मीनी ठिकानों को भी निशाना बनाया जा सकता है
  4. ये मिसाइलें 400 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं.
  5. यह अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को गिरा सकता है
  6. इससे एक साथ तीन मिसाइलें दागी जा सकती हैं
  7. मिसाइल से लेकर ड्रोन तक यानी इसकी मौजूदगी में कोई भी हवाई हमला आसानी से नाकाम किया जा सकता है
  8. यह एक तरह का मिसाइल शील्ड है. पाकिस्तान या चीन की न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों से भी यह बचाएगा.

 

चीन के पास पहले से ही ये डिफेंस सिस्टम मौजूद है. उसे भी रुस ने दिया था. अब ये भारत को मिल जाएगा. ऐसे में अब भारत चीन की बराबरी पर पहुंच जाएंगे