स्पोर्ट्स डेस्क– क्रिकेट के भगवान माने जाते हैं सचिन तेंदुलकर… अपने लंबे क्रिकेट करियर में सचिन तेंदुलकर ने बहुत कुछ हासिल किया. अपनी शानदार बल्लेबाजी के दम पर उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए, ऐसे ऐसे रिकॉर्ड बनाए जो आज के दौर में भी बल्लेबाजों की पहुंच से बहुत दूर है. अगर कोई भी नया बल्लेबाज आता है और वो कुछ तेजी से रन बनाता है तो बस एक ही बात सुर्खियां पकड़ लेती हैं कि क्या ये खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ पाएगा, क्योंकि सचिन तेंदुलकर ने जो रिकॉर्ड अपने क्रिकेट करियर के दौरान कायम किए हैं उसे तोड़ पाना इतना आसान नहीं है.
सचिन तेंदुलकर ने अपने क्रिकेट करियर में शतकों का महाशतक लगाया, क्रिकेट के आखिरी दौर में वनडे वर्ल्ड कप जीतने का भी सपना पूरा कर लिया, कई रिकॉर्ड कायम किए, लेकिन उनके क्रिकेट करियर में भी उनकी दो ख्वाहिशें ऐसी थीं जो पूरी नहीं हो सकीं और उसका मलाल उन्हें आज भी है. इस बात से पर्दा खुद सचिन तेंदुलकर ने उठाया है.
एक क्रिकेट वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में सचिन तेंदुलकर ने कहा है मुझे दो अफसोस है, पहला ये कि मैं कभी सुनील गावस्कर के साथ नहीं खेल पाया, जब मैं बड़ा हो रहा था तो मिस्टर गावस्कर मेरे बैटिंग हीरो रहे हैं. मुझे इस बात का हमेशा अफसोस रहेगा कि मैं उनके साथ नहीं खेल पाया. मिस्टर गावस्कर मेरे डेब्यू से कुछ साल पहले ही रिटायर हो गए थे.
इसके अलावा सचिन के मुताबिक अपने क्रिकेट करियर में दूसरा अफसोस ये है कि मैं अपने बचपन के हीरो सर विवियन रिचर्ड्स के खिलाफ नहीं खेल पाया. मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि काउंटी क्रिकेट में मुझे उनके खिलाफ खेलने का मौका मिला, लेकिन फिर भी मैं इंटरनेशनल क्रिकेट में उनके खिलाफ नहीं खेल पाया और इसका मुझे अफसोस है, भले ही सर रिचर्ड्स 1991 में रिटायर हुए हों और हमारे करियर में कुछ साल ओवरलैप हुए लेकिन हमें एक दूसरे खिलाफ खेलने को नहीं मिला.