रायपुर.छत्तीसगढ़ के प्रमुख नदियों और जल स्त्रोंतों के जल संवर्धन और जल संरक्षण के लिए राज्य सरकार और ईशा फाउण्डेशन द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और ईशा फाउण्डेशन के संस्थापक सद्गुरू जग्गी वासुदेव की उपस्थिति में इसके लिए 28 नवम्बर को शाम 04 बजे मंत्रालय में जल संसाधन विभाग और ईशा फाउण्डेशन के बीच एमओयू होगा।इसके अलावा सद्गुरु जग्गी वासुदेव के सम्मान में आईएएस एसोसिएशन ने भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया है,जिसके तहत शाम 5.10 से 6.10 तक सत्यसाईं हॉस्पीटल,नया रायपुर के सभागार में सद्गुरु जग्गी वासुदेव आईएएस एसोसिएशन के कार्यक्रम को संबोधित करेंगे.
जल संसाधन विभाग के सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में प्रमुख नदियों और जल स्त्रोंतों केे जल संवर्धन, जल संरक्षण, जल स्वच्छता और जल स्त्रोंतो के पुनर्जीवन के तहत नदियों और जल स्त्रोंतों के किनारे व्यापक हरितकरण, कृषि वानिकी एवं उद्यानिकी को बढ़ावा देते हुए एक वृहद नदी अभियान की रूप-रेखा तैयार की जा रही है। इसके अंतर्गत प्रमुख नदियों और जल स्त्रोंतों के किनारे अधिकतम एक किलोमीटर तक उपलब्ध शासकीय भूमि पर सघन वृक्षारोपण किया जाएगा। इसके साथ ही नदियों के किनारे उपलब्ध नीजि भूमि में बागवानी, उद्यानिकी और कृषि वानिकी के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस कार्य में वन विभाग, कृषि एवं उद्यानिकी, राजस्व, पर्यावरण और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश की नदियों और जल संरचनाओं के निकट बसे ग्रामीणों को जागरूक करते हुए इस कार्य में उनकी सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही ग्रामीणों को नदियों और जल स्त्रोंतों को स्वच्छ रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। किसानों और युवाओं के सहयोग से व्यापक जनजागरण कार्यक्रम भी चलाया जाएगा। बोरा ने बताया कि नदियों और जल स्त्रोंतों के संरक्षण और संवर्धन के लिए जल संसाधन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।