रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि कबीर के शांति और भाईचारा का संदेश आज भी प्रासंगिक और अनुकरणीय है. कबीर के इस संदेश से सामाजिक समरसता का मार्ग और अधिक सुदृढ़ हुआ है. मुख्यमंत्री बघेल गुरुवार को पंथ प्रकाशमुनि नाम साहब आचार्य कबीर पंथ कबीर धर्म नगर दामाखेढ़ा के सानिध्य में जिला मुख्यालय मुंगेली स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम के समीप आयोजित विशाल सद्गुरू संत कबीर समागम समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पंथ प्रकाशमुनि नाम साहब, प्रदेश के गृह तथा लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और वनमंत्री मोहम्मद अकबर भी मौजूद थे.

मुख्यमंत्री ने संत समागम समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जब भी संतों का समागम होता है नये विचारों का उद्भव होता है, जो समाज को नई दिशा तथा नये रास्ते दिखाते हैं. उन्होने कहा कि यहां जिन संतों का समागम हो रहा है. वे एक ऐसे असाधारण व क्रांतिकारी संत सद्गुरू कबीर दास के अनुगामी है. जिन्होंने आज से 600 साल पहले सामाजिक कुरीतियों और धार्मिक पाखण्ड पर प्रहार किया था. उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता की स्थापना के बिना न तो समाज का उत्थान हो सकता है और न ही राष्ट्र की उत्थान की कल्पना की जा सकती है.

कबीर जी का रास्ता हमें उसी समरस समाज की ओर ले जाता है. उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती पर कबीर की विचारधारा फली फूली और इसकी खुशबू देश विदेशों तक फैल रही है. उन्होने कहा कि संत समागम में जो नये विचार आएंगे वह न केवल छत्तीसगढ़ के लिए बल्कि पूरे भारत और संपूर्ण विश्व के लिए कल्याणकारी होंगे.

भूपेश बघेल बघेल ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश में राज्य शासन की महत्वाकांक्षी नरवा, गरूवा, घुरूवा एवं बाड़ी योजना के तहत पशुधन संरक्षण, संवर्धन के लिए बड़ी संख्या में गोठानों का निर्माण किया गया है. गोठानों में पशुधन के लिए हरा चारा, पानी, छाया आदि की व्यवस्था की गई है. गोठानों में किसान द्वारा अब दुग्ध उत्पादन, नस्ल सुधार, वर्मी खाद का निर्माण किया जा रहा है, जो उनकी समृद्धि का परिचायक है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में शराबबंदी का भी जिक्र किया. उन्होने कहा कि शराब एक सामाजिक बुराई है इस बुराई को दूर करने के लिए विभिन्न समाजों को जनजागरूकता अभियान चलाने की बात कही.

मुख्यमंत्री बघेल ने लोगों को छत्तीसगढ़ की पारंपरिक त्योहार छेरछेरा की बधाई और शुभकामनाएं दी. उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ की पारंपरिक त्योहार छेरछेरा में लोग अपने अहंकार को त्याग कर धान मांगते हैं. जो छत्तीसगढ़ की सामाजिक समरसता का परिचायक है.

पंथ प्रकाशमुनि नाम साहब आचार्य ने कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विशाल संत समागम समारोह में शामिल होकर समारोह की गरिमा को बढ़ाया है. यहां के किसान खेती किसानी से जो लाभ प्राप्त करते है उससे ही उनका और उनके परिवार का जीविकोपार्जन होता है. मुख्यमंत्री ने 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, ऋण माफी और बिजली बिल आधा जैसे अनेक कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर किसानों की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया है.