उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता का आज गुडंगांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया. वह कुछ समय से बीमार चल रहीं थीं. 62 साल की साधना गुप्ता मूल रूप से यूपी के इटावा के बिधुना (अब औरैया जिले का हिस्सा है) की रहने वाली थी.

 2003 में पहली पत्नी मालती देवी के निधन के बाद मुलायम सिंह यादव ने साधना को पत्नी का दर्जा दिया था. हालांकि, इसके पहले भी साधना के बेटे प्रतीक यादव के स्कूल में पिता की नाम की जगह मुलायम सिंह यादव ही लिखा जाता था.

ये है मुलायम और साधना सिंह की लव स्टोरी

साधना और मुलायम एक-दूसरे के करीब उस दौरान आए जब सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की मां अस्पताल में भर्ती थीं. साधना ने मुलायम की मां मूर्ति देवी की काफी सेवा की वह एक नर्स के तौर पर वहां तैनात थीं. इसी बीच दोनों के बीच में नजदीकियां बढ़ गईं. मुलायम को साधना उस दौरान पसंद आ गई थीं, जब उन्होंने उनकी मां को एक गलत इंजेक्शन दिए जाने से रोक लिया था.

सालों तक मुलायम और साधना की छुपी रही लव स्टोरी

साल 1982 से लेकर 1988 तक मुलायम सिंह और साधना गुप्ता के बीच क्या चल रहा था. इसके बारे में अमर सिंह इकलौते ऐसे व्यक्ति थे, जो जानते थे. वह अच्छे से जानते थे कि मुलायम को प्यार हो गया है, लेकिन उन्होंने किसी से कुछ भी नहीं कहा. अमर सिंह यह कहते भी तो कैसे, क्योंकि मुलायम के घर पर उनकी पत्नी मालती देवी और बेटा अखिलेश भी था, लेकिन साल 1988 आया और एक साथ कई चीजें बदल गईं. इस समय मुलायम मुख्यमंत्री बनने की रेस में थे और साधना भी अपने पति से अलग रहने लगी थीं. उस समय उनकी गोद में एक बच्चा भी था. इतना ही नहीं इन सबके बीच मुलायम ने अखिलेश को साधना से मिलवा भी दिया था.

चंद्र प्रकाश से साधना की हुई थी पहली शादी

साधना गुप्ता मूल रूप से यूपी के इटावा के बिधुना तहसील की रहने वाली थी. साल 1986 में उनकी शादी फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से शादी हुई थी. शादी के बाद साधना ने बेटे प्रतीक को जन्म दिया था. प्रतीक यादव के जन्म के करीब दो साल बाद साधना और चंद्रप्रकाश अलग हो गए. दोनों का तलाक हो गया. इसके बाद साधना गुप्ता सपा के तत्कालीन सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आई थीं. दरअसल, साधना भी सपा की कार्यकर्ती थीं. दूसरी ओर अखिलेश यादव की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में मुलायम सिंह और साधना के रिश्ते का भी जिक्र है.