हम में से ज्यादातर लोग जब कभी भी नई कार खरीदने जाते हैं तो सबसे पहले इसकी परफॉर्मेंस और सुरक्षा से जुड़े फीचर्स पर ध्यान देते हैं. पहले जहां कार के डिजाइन, लुक और पावरट्रेन को भारत में सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता था. अब ग्राहक इस बात का भी ध्यान दे रहे हैं कि उनकी कार हर तरह से सुरक्षित रहें और चालक के साथ-साथ पैसेंजर को भी सुरक्षा पहुंचाए. चाहे वो कार का सॉफ्टवेयर आपके स्मार्टफोन से कनेक्ट हो जाना हो या बिना चाभी के लेस एंट्री हो, सभी आपकी ड्राइविंग को सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने का काम करते हैं. तो चलिए जानते हैं कार की ऐसी टॉप 5 तकनीकों के बारे में जो बनाया गया है आपकी सुरक्षा के लिए.

एयरबैग (Airbags)

कार चाहे सस्ती हो या महंगी, उसमें एयरबैग का होना बेहद जरूरी है. यह दुर्घटना के समय एक्सीडेंट से होने वाले नुकसान को कम करता है और चालक के साथ-साथ पैसेंजर की जान को भी बचाता है. वर्तमान में भारत में बिकने वाली ज्यादातर गाड़ियों में डुअल एयरबैग होता है, लेकिन अब सरकार ने 6 एयरबैग का होना कार में जरूरी कर दिया है.

एबीएस (ABS)

एबीएस यानि एंटी लॉक ब्रेकिंग ‌सिस्टम, अब ये लगभग सभी कारों में स्टैंडर्ड फीचर के तौर पर दिया जाता है. ये आपकी सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है और ये आपकी कार को स्क‌िड होने यानि फिसलने से बचाता है. तेज स्पीड में कार को तेजी से मोड़ने के दौरान आपकी कार अचानक फिसलने से बचेगी. ऐसे में आप सुरक्षित रहेंगे.

इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक-फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन (EBD)

दुर्घटना के समय अक्सर कार के टायर फिसल जाते है, और इसका कारण यह है कि प्रत्येक टायर पर लोड की स्थिति बदलती रहती है. EBD यह सुनिश्चित करता है कि बदलती लोड स्थिति के अनुसार ही सभी पहियों पर बराबर मात्रा में ब्रेक फोर्स को लागू किया जाए. एक तरह से ये ABS का ही एक हिस्सा होता है. सामान्य तौर पर ये उन सभी कारों में पाया जाता है जिसमें एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम दिया गया हो.

एडजस्टेबल स्टीयरिंग

बहुत बार स्टीयरिंग व्हील और चालक के बीच की दूरी और ऊंचाई सही नहीं रहने के कारण गाड़ी चलाने में दिक्कत आती है, जो बाद में जाकर दुर्घटना का कारण भी बन सकती है. इस वजह से एडजस्टेबल स्टीयरिंग का कार में होना बेहद जरूरी है. यह ड्राइवर को स्टीयरिंग व्हील की ऊंचाई और ड्राइवर से दूरी को ठीक रखने में मदद करता है.

टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS)

बेहतर कंट्रोल और ईंधन की बचत के लिए आजकल की गाड़ियों में टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS) को लगाया जाता है. यह कार के हर पहिये पर लगा होता है जो कि एक सेंसर के जरिए डैशबोर्ड तक सूचनाओं को भेजता है.