रोहित कश्यप, मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के रामबोड़ इलाके में स्थित बासुदेव स्पंज आयरन प्लांट में शनिवार को एक गंभीर हादसा हो गया, जिसने फैक्ट्री प्रबंधन की कार्यशैली और मजदूर सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। मेंटेनेंस कार्य के दौरान ऊपर शेड में काम कर रहे दो श्रमिक फिटर पंकज निषाद और ठेकेदार संजय सिंह अचानक असंतुलन के चलते नीचे गर्म डस्ट में गिर पड़े। दोनों गंभीर रूप से झुलस गए और चोटिल हो गए उन्हें तत्काल सिम्स अस्पताल, बिलासपुर में भर्ती कराया गया है।

बिना सुरक्षा के काम करवा रहा प्रबंधन?

प्रत्यक्षदर्शियों और श्रमिक सूत्रों के अनुसार, हादसे के वक्त दोनों मजदूरों के पास पर्याप्त सुरक्षात्मक उपकरण नहीं था। स्थानीय लोगों की मानें तो फैक्ट्री प्रबंधन नियमित रूप से सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर मज़दूरों से जोखिमभरा काम कराता है।

कुसुम हादसे से भी नहीं सीखा सबक

गौरतलब है कि कुछ महीने पहले इसी क्षेत्र में स्थित कुसुम स्टील प्लांट में साइलो मशीन गिरने से पांच मजदूरों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। उस समय प्रशासन और प्रबंधन की नींद कुछ समय के लिए खुली थी, लेकिन जैसे ही मामला शांत हुआ, लापरवाही का वही पुराना सिलसिला दोबारा शुरू हो गया।

सिर्फ उत्पादन चाहिए, जान की कीमत नहीं?

यह हादसा दर्शाता है कि उद्योगों में उत्पादन तो प्राथमिकता में है, लेकिन मजदूरों की जान की कोई कीमत नहीं बची? सुरक्षा किट, प्रशिक्षण और आपात स्थितियों से निपटने के लिए ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी अब आम बात हो गई है। मजदूरों को जान जोखिम में डालकर काम करने को मजबूर किया जा रहा है।

प्रशासनिक हस्तक्षेप जरूरी

इस घटना को प्रशासन गंभीरता से ले और फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, ताकि मजदूरों की सुरक्षा को लेकर लापरवाह रवैये पर लगाम लगाई जा सके। अन्यथा आने वाले दिनों में इस तरह के हादसे और भी ज्यादा खतरनाक रूप ले सकते हैं।