विकास कुमार/सहरसा। शहर में मंगलवार की सुबह एक ऐसी वारदात हुई जिसने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया। घर से रोज की तरह ड्यूटी के लिए निकले 35 वर्षीय मृत्युंजय कुमार शायद यह नहीं जानते थे कि कुछ ही मिनटों में उनकी ज़िंदगी मौत से लड़ने को मजबूर हो जाएगी। सत्तर गांव निवासी मृत्युंजय जमुई खनन विभाग में डाटा ऑपरेटर के पद पर कार्यरत हैं और सहरसा शहर की ओर अपनी बाइक से जा रहे थे। मत्स्यगंधा और जरसैन के बीच अचानक पीछे से दो बाइक सवार बदमाश उन पर टूट पड़े। कुछ ही सेकंड में दो गोलियां चलीं-एक गोली उनके पेट को चीरते हुए निकल गई जबकि दूसरी पैंजरे में जा फंसी। सड़क किनारे गिरते ही मृत्युंजय तड़पते रहे और राहगीरों में अफरा-तफरी मच गई।

अस्पताल में जंग, जांच में जुटी पुलिस

स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें तुरंत सूर्या अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत बेहद नाजुक बताई है। गोली के जख्म गहरे हैं और विशेषज्ञों की टीम लगातार उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। घटना की जानकारी मिलते ही सदर थाना पुलिस, एफएसएल और डीआईयू की टीम मौके पर पहुंची और घटनास्थल से कई महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए। पुलिस का कहना है कि अपराधियों की पहचान के लिए सीसीटीवी और तकनीकी जांच तेज कर दी गई है।

इलाके में दहशत, सुरक्षा में सवाल

दिनदहाड़े हुए इस हमले के बाद स्थानीय लोगों में खौफ फैल गया है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर सरकारी विभाग का कर्मचारी भी सुरक्षित नहीं तो आम आदमी कैसे सुरक्षित रहेगा? सहरसा में अपराधियों की बढ़ती हिम्मत से लोग सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं। पुलिस ने जल्द गिरफ्तारी का दावा किया है, लेकिन फिलहाल शहर डर और बेचैनी के साए में है।