रायपुर। देशी-विदेशी शराब की अवैध बिक्री पर लगाम कसने साय सरकार शराब की बोतलों पर अधिक सुरक्षात्मक फीचर्स वाले होलोग्राम लगाने जा रही है. इस संबंध में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नासिक स्थित भारत सरकार के उपक्रम भारत प्रतिभूति मुद्रणालय से होलोग्राम खरीदने का फैसला लिया गया. शराब घोटाले में हुए होलोग्राम के खेल को देखते हुए यह फैसला काफी अहम है. इसे भी पढ़ें : कैबिनेट बैठक : साय सरकार का बड़ा फैसला, 14 नवंबर से होगी धान खरीदी, दिवंगत शिक्षक पंचायत के आश्रितों को मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति…

बता दें कि 2200 करोड़ रुपए के आबकारी घोटाला में बड़े सिंडिकेट की भूमिका सामने आई थी. ईओडब्ल्यू के अनुसार, शराब घोटाले को अंजाम देने के लिए नोएडा की कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी नकली होलोग्राम बनाकर सीधे डिस्टलरी में सप्लाई करती थी, जहां से बोतलों में नकली होलोग्राम लगाकर सीधे दुकान पहुंचाया जाता था. दुकान में ऐसे शराब बोतलों की बिक्री से मिलने वाला पैसा सीधे सिंडीकेट के खजाने में जाता था.

ईओडब्ल्यू के अनुसार, 2019 से 2022 तक सरकारी दुकानों से नकली होलोग्राम लगाकर अवैध तरीके से शराब बेचा गया. इससे शासन को करोड़ों का नुकसान हुआ. सिंडीकेट में आबकारी उपायुक्त, जिला अधिकारी, हवलदार समेत एक दर्जन से ज्यादा अधिकारी शामिल हैं. ये अवैध शराब की बिक्री करा रहे थे.

मामले में सिंडीकेट के सरगना अनवर ढेबर के फार्म हाउस में जमीन खोदकर नकली होलोग्राम जब्त किया था. इस मामले में नकली होलोग्राम बनाने वाली नोएडा की कंपनी प्रिज्म कंपनी के मैनेजर दिलीप पांडे, कर्मचारी अनुराग द्विवेदी, अमित सिंह और दीपक दुआरी को गिरफ्तार किया गया है, जो रायपुर जेल में बंद हैं.

इससे पहले ईओडब्ल्यू ने इस घोटाले में तत्कालीन सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन और अरविंद सिंह के खिलाफ चालान पेश किया है. ईओडब्ल्यू की सेवानिवृत्त आईएएस अनिल टुटेजा के खिलाफ जांच चल रही है. उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है.