शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश के राज्यमंत्री गौतम टेटवाल ने राजगढ़ की मऊ ग्राम पंचायत में अजान सुनते ही अपना भाषण रोका और मंच से कलमा भी पढ़ा। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। बस, इसी वाक्ये ने प्रदेश की सियासत को सुर्ख लाल रंग दे दिया। मामले पर हिंदूवादी संगठनों ने अपना विरोध दर्ज कराया तो मुस्लिम संगठन मंत्री के समर्थन में उतर गया। उन्होंने कहा कि विरोध उनका है जो अलगाववादी के साथ आतंकी विचारधारा के हैं। संत समाज ने मंत्री से माफी की मांग कर बंगले पर धरने की चेतावनी जारी की। सोशल मीडिया पर वीडियो को लेकर जमकर बहस भी छिड़ी हुई है।

मंत्री ने जैसा दिखाया, वैसा अप्लाई भी करें: ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड
ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष काजी अनस अली ने कहा, “मंत्री टेटवाल ने मंच से सभी धर्मों के सम्मान करने की नसीहत दी है। देश में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार संविधान ने दिया है। जैसे मंत्री ने मंच से अपने आपको दिखाया, वैसा अप्लाई भी करें। यदि कोई मुस्लिम है तो इस्लाम का पैगाम लेकर जाए और हिंदू हैं तो अशांति न फैलाएं। उन्होंने यह भी कहा कि जो मंत्री का विरोध कर रहे हैं वह आतंकवादी अलगाववादी विचारधारा के हैं। यह हिंदू संगठनों का विरोध नहीं बल्कि उनकी मानसिकता का एक उदाहरण है।

तत्काल माफी मांगे, नहीं तो होगा आंदोलन- अखिल भारतीय संत समिति

अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष अनिलानांद ने मंत्री टेटवाल को चेतावनी जारी की है। साथ ही कहा कि यह उनकी घिनौनी हरकत है। कभी नाटक के लिए भी मुस्लिम समाज के लोग आरती नहीं करते, न ही श्रीराम का जयकारा लगाते हैं। ऐसे मंत्रियों की मति भ्रष्ट हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यदि माफी नहीं मांगी तो संत समाज उनके बंगले पर आंदोलन करेगा।

भाषण के दौरान हुई आरती में कब हुए थे शामिल, शर्मनाक है ये- एसबीएम

हिंदूवादी संगठन के संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि अजान के दौरान भाषण रोक कलमा पढ़ने वाले मंत्री क्या कभी कार्यक्रम रोक आरती में शामिल हुए। यह भी बताएं कि उन्होंने हिंदुओं के लिए क्या-क्या किया। प्रश्न यह भी किया टेटवाल आखिर किस धर्म के वोट से जीतते हैं। तिवारी ने कहा कि बीजेपी हिंदूवादी विचारधारा का संगठन है। उसी पार्टी के मंत्री का ऐसा कृत्य शर्मनाक है। यदि हमारे धर्म के जयकारा बोलने में दूसरे धर्म के लोगों को परहेज हैं तो उन्हें भी मुल्ला नहीं बनना चाहिए। एक ओर हिंदू अपने हिंदुत्व की रक्षा के लिए जान निछावर करने तक की लड़ाई लड़ रहा है। वहां मंत्री का ऐसा आचरण सनातनी मनोबल को कमजोर करता है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि कितने मुस्लिम ने हमारे धर्म के श्लोक, दोहे, चौपाई और मंत्रों का पाठ सार्वजनिक मंच से किया है।

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