मथुरा. प्रसिद्ध संत प्रेमानंद ने छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU) की ओर से उन्हें दी जाने वाली मानद डॉक्टरेट की उपाधि का प्रस्ताव लौटा दिया है. सीएसजेएमयू के 39वें दीक्षांत समारोह से पहले विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव ने वृंदावन के श्री हित राधा केली कुंज आश्रम पहुंचकर संत प्रेमानंद को मानद डॉक्टरेट का प्रस्ताव दिया था.
संत प्रेमानंद ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए कहा कि, “हम उपाधियों को मिटाने के लिए साधु बने हैं. भक्त की उपाधि के आगे सारी उपाधियां छोटी हैं.” संत प्रेमानंद ने कहा, “हम छोटे बनकर सबकी सेवा करना अपनी उपाधि मानते हैं. जहां तक पीएचडी की बात है, तो हम लोग मन की पीएचडी किए हैं. इसके लिए कोई पढ़ाई नहीं होती, वह साधना में होती है. बाहरी डिग्री या बाहरी उपाधि हमारा उपहास होगा, न कि सम्मान. हमारी अलौकिक उपाधि में सिद्धियां और मोक्ष भी शामिल हैं. हमें जो सुख प्राप्त हो रहा है, उसके आगे अन्य सभी चीजें निरर्थक हैं. हमारी भक्ति ही सबसे बड़ी उपाधि है.”
बता दें कि सीएसजेएमयू का दीक्षांत समारोह 28 सितंबर को आयोजित किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल करेंगी. इस कार्यक्रम में मेधावियों को पदक और छात्रों को उपाधियां दी जाएंगी और एक विभूति को मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा. इस सम्मान के लिए विवि ने संत प्रेमानंद का नाम प्रस्तावित किया था.
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