नई दिल्ली. वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में बुधवार को अदालत ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन कुमार को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया. मामले के चार अन्य आरोपियों को भी अदालत ने बरी करने के आदेश दिए हैं.

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि अभियोजन पक्ष इन आरोपियों के खिलाफ हत्या, दंगा फैलाने, भीड़ को उकसाने समेत अन्य आरोपों को साबित करने में विफल रहा है. अभियोजन पक्ष की तरफ से पेश साक्ष्य और गवाह प्रमाणित नहीं कर पाए कि घटना के समय कांग्रेस नेता सज्जन कुमार वहां मौजूद थे और भीड़ को सिखों के खिलाफ दंगा भड़काने के लिए उकसा रहे थे. इस मामले में सज्जन कुमार समेत अन्य पर आरोप था कि उन्होंने भीड़ को उकसाया, जिसकी वजह से सुलतानपुरी में सुरजीत सिंह की हत्या कर दी गई.

सज्जन कुमार पर धर्म, नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना, उकसाने, हत्या और दंगे के आरोप लगाए गए थे.