अभिषेक सेमर, तख़तपुर। केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना 15वें वित्त के कार्यों में लापरवाही बरतना पंचायत सचिवों के लिए मुसीबत का सबब बन गया. जनपद पंचायत सीईओ ने जीपीडीपी की जानकारी अपलोड नहीं करने वाले 115 ग्राम सचिवों का जहां वेतन रोक दिया है, वहीं दूसरी ओर दो सचिवों के निलंबन के लिए जिला पंचायत सीईओ को प्रस्ताव भेजा है.

ग्राम सचिवों को केंद्र सरकार की योजना में ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) पोर्टल में 15वें वित्त से हो रहे कार्यों की जानकारी अपलोड करना था. लगातार इस पोर्टल में कोई काम नहीं कर रहा था, जिसको लेकर पंचायत सचिवों को बार-बार जनपद सीईओ की ओर से हिदायत दी जा रही थी. इसके बाद भी ग्राम सचिवों के गंभीर नहीं होने पर जिला पंचायत सीईओ ने जनपद पंचायत सीईओ को चिट्टी लिखकर नाराजगी जताई थी.

इस पर तख़तपुर जनपद पंचायत सीईओ हिमांशु गुप्ता ने कार्रवाई करते हुए ब्लॉक भर के तमाम पंचायत सचिवों के वेतन रोकने के लिए जिला पंचायत को अनुशंसा पत्र लिखा है. इसके साथ ही उच्च अधिकारियों की बात नहीं सुनने की मिल रही शिकायतों पर दो सचिवों के निलंबन के लिए जिला पंचायत सीईओ को पत्र भेजा है.

जनपद पंचायत सीईओ हिमांशु गुप्ता ने चर्चा में बताया कि केंद्र सरकार की योजनाओं को जनवरी-फरवरी माह के भीतर निर्धारित समय में पूरा करना था, लेकिन ग्राम सचिवों द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही थी. लिहाजा, इस मामले की गंभीरता को देखते हुए लापरवाह सचिवों के खिलाफ वेतन रोकने की कार्रवाई की गई है. वहीं दो और अन्य पंचायत सचिवों को निलंबन के लिए जिला पंचायत सीईओ को पत्र प्रेषित किया गया है.

हालांकि, इस प्रकरण पर सचिव संघ के ब्लॉक अध्यक्ष रामलाल सिंगरोल ने बताया कि निर्धारित समय पर जीपीडीपी कार्य पोर्टल पर अपलोड करना था, लेकिन अन्य कामों में व्यस्त होने के चलते नहीं कर पाए हैं. मामले पर जनपद सीओ की ओर से वेतन रोकने का नोटिस प्राप्त हुआ है, जिसे गंभीरता से लेते हुए कार्य को समय अवधि पर पूरा किया जाएगा.