

उदयपुर. मध्यप्रदेश से आए मजदूरों का वन विभाग की साइट पर काम करने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया, जिसके बाद 100 मजदूर, महिलाएं और बच्चे कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठ गए. इन मजदूरों का आरोप है कि ठेकेदार ने उनसे काम तो करवाया, लेकिन करीब 47.5 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया. धरने के दौरान एक महिला की तबीयत बिगड़ गई और एक अन्य महिला बेहोश हो गई. वहीं भूपालपुरा थाना क्षेत्र के कलेक्ट्रेट के बाहर दोपहर 2 बजे के सड़क जाम होने पर स्थिति को काबू करने पुलिस पहुंची. इस दौरान SHO ने मजदूरों को चेतावनी देते हुए मजदूरों से कहा, “अगर आप सड़क जाम करेंगे तो मुकदमा दर्ज करूंगा, जूते लगाऊंगा और गिरफ्तार करूंगा.”
मजदूरों का विरोध प्रदर्शन
मजदूर पिछले तीन दिन से अपने बकाया भुगतान के लिए कलेक्टर के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे, और पिछली दो रातें भी उन्होंने कलेक्टर के आवास के बाहर ही बिताईं. बुधवार को वे कलेक्ट्रेट पहुंच गए, जहां उन्होंने अपने बकाया रुपये की मांग की.
मजदूरों का दावा: 47.53 लाख रुपये बकाया
मजदूरों ने बताया कि वे 100 लोग मध्य प्रदेश से उदयपुर काम करने आए थे, जहां उन्हें वन विभाग के ठेकेदारों ने पौधरोपण के लिए गड्ढे खोदने का काम दिया था. वे परसाद और काला मगरा में दो जगह काम कर रहे थे, और कुल 51 लाख 12 हजार 735 रुपये का भुगतान उनके काम का बनता था. हालांकि, उन्हें अब तक केवल 3.59 लाख रुपये मिले हैं, और बाकी 47 लाख 53 हजार 735 रुपये अभी तक बकाया हैं.
ठेकेदार का पक्ष: केवल 4.31 लाख बकाया
इस बीच, ठेकेदार दिलीप सिंह ने कहा कि उसके पास मजदूरों के कुल 81 हजार 150 रुपये और ठेकेदार बसंतीलाल के पास करीब 3.50 लाख रुपये बकाया हैं, जिससे कुल 4 लाख 31 हजार 150 रुपये बकाया हैं. ठेकेदार का कहना है कि मजदूर बहुत ज्यादा रकम की मांग कर रहे हैं, जबकि असल में बकाया राशि इससे कम है. प्रशासन मामले को सुलझाने की कोशिश में जुटी हुई है, लेकिन मजदूरों का विरोध प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है.
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