Lok Sabha Election 2024: 18वीं लोकसभा के लिए देशभर में हुए आम चुनाव में NDA गठबंधन को 291 सीटें मिली हैं. तो वहीं INDIA ब्लॉक को 234 सीटें मिली हैं. इन नतीजों में बीजेपी लगातार तीसरी बार सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. इस चुनाव में जीत दर्ज करने वाले कई नेता ऐसे है जो पहली बार सांसद बने है. इस बीच कई लोगो के मन में सवाल उठ रहा होगा की जो सांसद जीतकर लोकसभा पहुंच रहे हैं, उन्हें क्या-क्या सरकारी सुविधाएं मिलती है और उनकी सैलरी कितनी होती है? अगर आपके मन में भी यही सवाल है तो आइए जानते है इस बारे में विस्तार से जानते है.
आपको बता दें कि सांसदों को संसद सदस्य (वेतन, भत्ता और पेंशन) अधिनियम 1954 के तहत एक सांसद को सैलरी और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं. जानकारी के मुताबिक सांसद को महीने में 1 लाख रुपये वेतन के रूप में मिलता है. इसके अलावा 1 अप्रैल 2023 से एक नया नियम लागू किया गया था, जिसके तहत सांसदों की सैलरी और दैनिक भत्ते में हर पांच साल के बाद बढ़ोतरी की जाएगी.
घर के लिए भत्ता
इसके अलावा सांसद को हर महीने 70 हजार रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में मिलते हैं. वहीं सांसद को दिल्ली स्थित अपने निवास या दिल्ली के कार्यालय में टेलिफोन लगवाने पर कोई चार्ज नहीं देना होता है. ये सारा बिल का खर्च सरकार उठाती है. वहीं उसे पचास हजार फ्री लोकल कॉल की सुविधा मिलती है. वहीं एक सांसद को कार्यालय व्यय भत्ते के रूप में हर महीने 60 हजार रुपये मिलते हैं.
यात्रा भत्ता
बता दें कि एक सांसद को एक पास भी दिया जाता है, जिसकी मदद से वह किसी भी समय रेलवे से मुफ्त में यात्रा कर सकता है. ये पास किसी भी ट्रेन की फर्स्ट क्लास एसी या एग्जिक्यूटिव क्लास में मान्य होता है. इसके अलावा सदन के सत्र में या किसी समिति की बैठक में उपस्थित होने या संसद सदस्य से जुड़े किसी भी काम से यात्रा करने पर अलग भत्ता (साथ में एक अटेंडेंट का भी किराया) दिया जाता है. वहीं सासंद जब सड़क मार्ग के जरिए यात्रा करते हैं, तो उन्हें 16 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से अलग भत्ता मिलता है. वहीं सरकारी काम के सिलसिले में विदेश यात्रा करने पर भी सांसद को सरकारी भत्ता दिया जाता है.
स्वास्थ्य सुविधाएं
हर सांसद को मेडिकल फैसिलटी भी मिलती है. सांसद किसी भी सरकारी या रेफर कराने के बाद किसी प्राइवेट अस्पताल में अगर इलाज, ऑपरेशन कराता है, तो उस इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करती है. इसके अलावा सांसद को सरकारी खर्च पर सुरक्षाकर्मी और केयर-टेकर भी मिलते हैं.
सांसदों को मिलने वाले अन्य भत्ते
- दैनिक भत्ता प्रतिदिन 2,000 रुपये (संसद सत्र के दौरान)
- हवाई यात्रा का 25 फीसद ही देना पड़ता है
- साथ में मुफ्त बिजली, पानी और फोन सुविधा.
- पेंशन – 25 हजार रुपए प्रतिमाह (सेवा के प्रत्येक अतिरिक्त वर्ष के लिए 1,500 की वृद्धि)
संविधान देता है वेतन और भत्ते का अधिकार
संविधान एक कानून पारित करके सांसदों को अपने वेतन और भत्ते निर्धारित करने का अधिकार देता है. हालांकि इससे हितों का टकराव होता है.इस मुद्दे को हल करने के लिए, कुछ देशों ने एक स्वतंत्र प्राधिकरण, वरिष्ठ सिविल सेवकों के वेतन के लिए बेंचमार्किंग और विधायिका द्वारा पारित अधिनियम के कार्यान्वयन में देरी जैसी प्रक्रियाओं का उपयोग किया है. हमारे देश में अक्सर सांसद के वेतन और भत्तों की वृद्धि के मामलों को देखने के लिए एक संसदीय कमेटी का गठन किया जाता है. फिर उसकी संस्तुतियों के आधार पर फैसला लेकर संबंधित प्रस्ताव पास करके वेतन वृद्धि कर दी जाती है.
भारत में घर दिया जाता है दूसरे देशों में ऐसा नहीं
भारतीय सांसदों का भत्ता ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में राष्ट्रीय विधायकों के भत्ते से भिन्न है. भारतीय सांसदों को आवास मुहैया कराया जाता है, जबकि ब्रिटिश सांसदों को घर किराए पर लेने के लिए भत्ता दिया जाता है और अमेरिका में ऐसा कोई भत्ता नहीं है. ये देश कार्यालय की जगह मुहैया कराते हैं जो भारतीय सांसदों को नहीं मिलती.
क्या हैं सांसद के काम
बता दें कि एक सांसद अपने क्षेत्र में विकास कार्यों के अलावा जनता से जुड़े मुद्दे और सवालों को संसद में उठाता है. संसद में जब कोई कानून पास होना होता है तो सांसद वोटिंग करता है. इसके अलावा वह राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में सीधी भूमिका निभाता है. वह कई समितियों में रहकर भी देश और लोगों की भलाई के लिए काम करता है.
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