लखनऊ। उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, गोमती नगर, लखनऊ में आयोजित खादी महोत्सव-2025 में गुरुवार को सांस्कृतिक संध्या ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में स्वदेशी, स्थानीय उद्यमिता और युवा स्वावलंबन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित यह महोत्सव आज सातवें दिन नई ऊंचाइयों को छूता दिखाई दिया। खबर लिखे जाने तक प्रदर्शनी में बिक्री का आंकड़ा लगभग 1.28 करोड़ रुपए पार कर गया।

खादी महोत्सव में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए उद्यमियों द्वारा 160 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें कानपुर का लेदर, कन्नौज की इत्र-अगरबत्ती, भदोही के कारपेट, प्रतापगढ़ का आँवला-मुरब्बा, अमरोहा के गमछे और सदरी, सीतापुर की दरी-तौलिये, मऊ के पर्दे तथा अन्य अनेक उत्पाद सम्मिलित हैं। योगी सरकार द्वारा स्थानीय इकाईयों को प्रोत्साहित करने, ऑनलाइन मार्केटिंग सुविधा प्रदान करने तथा स्वदेशी उत्पादों को व्यापक मंच देने की पहल का परिणाम है कि उद्यमियों में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है।

गुरुवार की शाम महोत्सव का मुख्य आकर्षण रहा कवि सम्मेलन, जिसमें देश के श्रेष्ठ कवियों ने अपनी मनमोहक रचनाओं से माहौल को जीवंत कर दिया। समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से किया गया और आमंत्रित कवियों का सम्मान पुष्पगुच्छ व अंगवस्त्र भेंट कर किया गया।

कवि सम्मेलन में डॉ. हरिओम (IAS), डॉ. सुरेश श्रीवास्तव, दमदार बनारसी, डॉ. सरला शर्मा, हरि मोहन बाजपेई ‘माधव’, अमरेन्द्र द्विवेदी तथा कार्यक्रम संचालक नीरज पांडेय ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। वाराणसी के हास्य कवि दमदार बनारसी ने अपने चुटीले अंदाज से सभी को खूब हँसाया, जबकि डॉ. सरला शर्मा की वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ हुई। लगातार प्रस्तुत हुए गीत, ग़ज़ल और कविताएँ दर्शकों की तालियों से सभागार को गूंजाती रहीं।

महोत्सव में दूर-दराज से आए हस्तशिल्पियों और उद्यमियों की बिक्री में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे उनमें विशेष उत्साह है। योगी सरकार की ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ की अवधारणा को आगे बढ़ाने में ऐसा आयोजन प्रभावी भूमिका निभा रहा है। महोत्सव का आयोजन 30 नवम्बर 2025 तक प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक जारी रहेगा।