नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के दौरान उत्तराधिकार कर की चर्चा छेड़कर विवाद खड़ा करने वाले ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने अपने बयान का बचाव किया है. उन्होंने कहा है कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि भारत में उत्तराधिकार कर लागू किया जाना चाहिए और उनकी टिप्पणियों का गलत अर्थ निकाला गया.

उन्होंने समाचार एजेंसी से कहा, “देखिए, मैंने जो कहा, उस पर मैं कायम हूं. मैं भारत को जानता हूं- यहां ट्रोल हैं, झूठे लोग हैं और हमला करने के लिए पैसे वाले लोग हैं, और मैं इसे पैकेज का हिस्सा मानता हूं. मैंने कभी नहीं कहा कि भारत में उत्तराधिकार कर लागू किया जाना चाहिए. मैंने बस इतना कहा कि अमेरिका में ऐसा होता है, जो ठीक है…”

लोकसभा चुनावों से कुछ दिन पहले सैम पित्रोदा ने नस्लवादी टिप्पणी के बाद उठे विवाद के कारण इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की. पित्रोदा द्वारा भारत की जातीयता पर जातिवादी टिप्पणी करने के बाद विवाद और बढ़ गया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांप्रदायिक नागरिक संहिता पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर पित्रोदा ने कहा, “मुझे नहीं पता, क्योंकि मैं इसका उत्तर देने के लिए कोई कानूनी विशेषज्ञ नहीं हूं. हालांकि, मैं समानता, विविधता और समावेश में विश्वास करता हूं. ये व्यापक अवधारणाएं हैं जिनके साथ मैं खड़ा हूं. वकीलों को इसे सुलझाना होगा, क्योंकि मैं ऐसा करने के लिए योग्य नहीं हूं.”

“एक राष्ट्र, एक चुनाव” पर, भारतीय ओवरसीज कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि भारत में एक चुनाव होना व्यावहारिक नहीं है. उन्होंने कहा, “एकरूपता का विचार भारत के मूल मूल्यों के साथ मेल नहीं खाता है, क्योंकि भारत विविधता पर पनपता है. यहां हमेशा कई चुनाव, भाषाएं और संस्कृतियां होंगी. भारत पर एकरूपता थोपना काम नहीं करेगा…”

पित्रोदा ने कहा कि उनकी टीम राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा पर काम कर रही है. “एक बार यात्रा फाइनल हो जाने, तारीखें पक्की हो जाने और कार्यक्रम तय हो जाने के बाद, हम एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करेंगे और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.”